Bastar News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के अन्य जिलों की तरह बस्तर (Bastar) जिले में भी भीषण गर्मी के मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी इलाकों में भी लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. गर्मी का मौसम आते ही  जगदलपुर (Jagdalpur) शहर के ड्राइजोन वार्डो में पानी के लिए हाहाकार मच जाता है. दरअसल, जगदलपुर शहर के 48 वार्डों में से कई वार्डों को ड्राईजोन वार्ड घोषित किया गया है.


यहां सबसे ज्यादा पानी की किल्लत बनी रहती है. यहां नगर निगम के टैंकर पानी पहुंचाते हैं, लेकिन आलम यह है कि निगम के 26 टैंकरो में से 22 टैंकर  खराब पड़े  हैं. निगम के  जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि इसे ठीक कराने की सुध नहीं ले रहे हैं.  इस वजह से इन वार्डो तक टैंकरों के माध्यम से पेयजल नहीं पहुंच पा रहा है. यहां के लोग हैंडपंप से निकलने वाला लाल पानी पीने को मजबूर हैं.


निगम के 26 में से  22 टैंकर हुए खराब
जगदलपुर नगर निगम में वैकल्पिक जल आपूर्ति के लिए कुल 26 टैंकर हैं. इनमें 4 टैंकर ही सही हालत में हैं. 13 टैंकर जर्जर हो चुके हैं. 9 टैंकर खराब होकर खड़े खड़े सड़ रहे हैं. बीजेपी पार्षद आलोक अवस्थी ने आरोप लगाया है कि शहर के कई  वार्ड  ड्राईजोन वार्ड हैं, जहां पानी की काफी ज्यादा किल्लत रहती है. वहां निगम के द्वारा महज 4 टेंकरो  से पानी सप्लाई की जा रही है, जो संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि निगम के अधिकारी और  कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने सीधे जनता से जुड़ी मूलभूत सुविधाओं की कमर तोड़ दी है.


बीजेपी पार्षद ने क्या कहा
उन्होंने कहा "शहर की जनता को पेयजल जैसी आधारभूत सुविधा के लिए मुंह ताकना पड़ रहा है.  गर्मी में विशेष रूप से पानी की व्यवस्था सुचारू रहे.  यह  जनप्रतिनिधियों की प्राथमिकता होनी चाहिए, लेकिन कांग्रेस के जिम्मेदार लोग एसी रूम में बैठकर खराब पड़े टैंकरों को सुधारने की सुध नहीं ले रहे हैं. आलम यह है कि ड्राइजोन वार्डों में टैंकरों से पहुंचाए जाने वाली पानी की व्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ी है.  इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. खराब टैंकरों को ना सुधारा जा रहा है. ना ही जर्जर हो चुके टैंकरों को बेचकर नए टैंकर खरीदे जा रहे हैं.  टैंकरों के माध्यम से होने वाली पानी की सप्लाई शहर में पूरी तरह से प्रभावित हो गई है."


खराब टेंकरो को  सुधारा जाएगा
वहीं निगम की महापौर सफिरा साहू का कहना है कि खराब टैंकरों को सुधारने की कवायद शुरू हो गई है. कोशिश की जा रही है कि जिन वार्डों में पानी की किल्लत है, वहां लोगों को पर्याप्त पेयजल मिल सके. अधिकारियों को जल्द ही टैंकर सुधारने को कहा गया है. कुछ वार्ड ही ऐसे हैं, जहां पानी की किल्लत हो रही है. इस व्यवस्था को भी दुरुस्त करने की पूरी कोशिश की जा रही है.


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