Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर (Jagdalpur) शहर में IRCTC की फेक आईडी बनाकर रेलवे प्रशासन (Indian Railway) को लाखों रुपए का चूना लगा रहे एक इंटरनेट कैफे के संचालक को धर दबोचा गया है. कबीर गोलछा नामक कैफे का संचालक IRCTC की फेक आईडी बनाकर रेलवे की टिकट का व्यापारिक प्रयोग कर रहा था. आरपीएफ (RPF) की टीम ने दबिश देकर इस फर्जी आईडी बनाकर रेल प्रशासन को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाने वाले आरोपी को धर दबोचा. आरपीएफ के पोस्ट इंचार्ज सुमेर सिंह ने बताया कि उन्होंने मौके से डेढ़ लाख से अधिक की धोखाधड़ी पकड़ने में सफलता हासिल की है, अफसरों ने आरोपी के खिलाफ आरपीएफ की धारा 140 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और मौके से उसके कंप्यूटर के हार्डडिस्क को अपने कब्जे में ले लिया है.


रेलवे को पहुंचाया लाखों का नुकसान
बस्तर में तैनात आरपीएफ के पोस्ट इंचार्ज सुमेर सिंह ने बताया कि, रेलवे अपने एजेंटों को टिकट बुकिंग के लिए आईडी देता है, ताकि इसके व्यापारिक लेन-देन की देखरेख आसानी से की जाए, इसके अलावा कोई भी एजेंट अन्य आईडी बनाकर टिकट का व्यापारिक प्रयोग नहीं कर सकता. इंटरनेट कैफे के संचालक कबीर गोलछा ने भी IRCTC की दो आईडी ले रखी थी लेकिन अधिक मुनाफे के चक्कर में उसने फेक आईडी बनाई और उससे टिकट बनाकर इसका व्यापारिक प्रयोग करने लगा जिसकी शिकायत पर आरपीएफ की टीम ने उसके इंरनेट कैफे में दबिश देकर कार्रवाई की. 


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आरोपी ने कबूल किया गुनाह
अधिकारी के मुताबिक आरपीएफ ने दुकान में दबिश दी और आरोपी कबीर गोलछा के कंप्यूटर के डाटा खंगाले तो उससे सभी फेक आईडी से पूर्व के 67 टिकट में 1 लाख 39 हजार 500 रुपये की गड़बड़ी मिली, इसके साथ ही 12 हजार के टिकट की भी गड़बड़ी मिली. पोस्ट इंचार्ज ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में अपने सारे गुनाह कबूल कर लिए जिसके बाद कम्प्यूटर की हार्डडिस्क अपने कब्जे में ले लिया गया और आगे की कार्यवाही शुरू कर दी गई. 


बनाया था IRCTC की 7 फेक आईडी 
बताया जा रहा है कि आरपीएफ ने जांच में सात फेक आईडी को खोज निकाला. वहीं उन्होंने पाया कि इसमें सबसे ज्यादा तत्काल टिकट के लिए इसका प्रयोग किया जा रहा था. पहले ही IRCTC की वैध दो आईडी में पैसे अधिक लगने की वजह से उसने यह फेक आईडी बना रखी थी और इसका व्यापारिक प्रयोग कर रहा था. इस खेल का आखिरकार रेलवे ने पर्दाफाश कर दिया.


क्या है नियम
नियम के मुताबिक अगर कोई अपने पर्सनल IRCTC अकाउंट से किसी दूसरे को टिकट बनाकर देता है और वह पकड़ा जाता है तो उस व्यक्ति पर रेलवे एक्ट 1989 सेक्शन 144 के तहत मामला दर्ज किया जाता है, इसमें 3 साल के लिए जेल भी हो सकती है. वहीं 10 हजार तक का जुर्माना का भी प्रावधान है. इसके साथ-साथ उसके IRCTC के अकाउंट को हमेशा के लिए बंद किया जा सकता है. फिलहाल पोस्ट इंचार्ज का कहना है कि आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और अब कोर्ट में आगे की कार्रवाई की जाएगी.


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