Jagdalpur News: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर में एक कबाड़ी दुकान में रखे सामानों में आग लगने से अफरा तफरी मच गई है. कबाड़ी की दुकान शहर के मध्य गीदम रोड पर मौजूद है. अज्ञात कारणों की वजह से कबाड़ में रखे प्लास्टिक के सामानों में आग लग गई और देखते ही देखते आग ने पूरी दुकान को अपनी चपेट में ले लिया. हालांकि जिस वक्त आगजनी की घटना हुई, उस समय दुकान में कोई भी मौजूद नहीं था. सूचना मिलने के बाद तत्काल मौके पर पहुंची अग्निशमन विभाग की टीम दमकल गाड़ी के जरिये लगातार आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, एसडीआरफ के तीन दमकल टीमें को मौके पर भेजा गया है. लंबे समय से यहां कबाड़ के सामानों को डंप करके रखा गया है. मौके पर बड़ी मात्रा में कबाड़ के सामान होने की वजह से आग धीरे-धीरे फैलते ही जा रहा है. अच्छी बात ये है कि आस पास मौजूद किसी भी मकान तक आग की लपटें नहीं पहुंची हैं. अचानक लगी आग से मौके पर दहशत का माहौल बना हुआ है.
स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी सूचना
बस्तर जिले के परपा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस कबाड़ के दुकान में आग से निपटने के लिए कोई भी साधन मौजूद नहीं था. आसपास रिहायशी इलाका होने की वजह से लोगों ने आग की लपटों को देख तत्काल इसकी जानकारी परपा पुलिस थाने को दी. जिसके बाद मौके पर पहुंचे परपा पुलिस दमकल की मदद से आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही है. बताया जा रहा है कि लंबे समय से इस कबाड़ के गोदाम में सामानों को डंप करके रखा गया है और सेफ्टी के लिए यहां कोई भी इंतजाम नहीं है.
4 से 5 लाख का नुकसान होने की आशंका
इन सामानों को खुले में ही रखा गया था, लेकिन गोदाम के आसपास मकान होने की वजह से लगातार फैलती आग को लेकर लोगों में अफरा तफरी मच गई. सूचना पर मौके पर पहुंची तीन दमकल की टीमें लगातार आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही हैं और कुछ हद तक आग पर काबू भी पा लिया है. फिलहाल इस आगजनी में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है, लेकिन कबाड़ दुकान के मालिक को लगभग 4 से 5 लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है. वहीं लगातार एसडीआरएफ की टीम आग पर काबू पाने की कोशिश कर रही है.
कबाड़ दुकानों पर खुलेआम नियमों का उल्लंघन
गौरतलब है कि इस घटना के बाद भी शहर के आसपास मौजूद कबाड़ की दुकानों के मालिकों ने किसी तरह का कोई सबक नहीं लिया है. पूरे शहर में कहीं भी कबाड़ की दुकान में आग लगने से सेफ्टी के कोई इंतजाम नहीं है. वहीं निगम प्रशासन भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.