Chhattisgarh News: छतीसगढ़ के जगदलपुर (Jagdalpur) शहर में स्थित बस्तर (Bastar) संभाग का सबसे बड़ा डिमरापाल सरकारी अस्पताल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. इस वजह से यहां के नर्स स्टाफ को ओवर टाइम ड्यूटी करनी पड़ रही है. ओवर टाइम ड्यूटी करने की वजह से उनका गुस्सा फूट पड़ा है और वो अस्पताल में खाली पड़े पदों पर भर्ती की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं.
इससे अस्पताल में स्वास्थ सुविधा बदहाल हो गई है. एक साथ सभी नर्स स्टाफ के हड़ताल पर चले जाने से वार्ड में मरीजों की देखभाल नहीं हो पा रही है. इससे उनके सेहत पर भी असर पड़ रहा है. नर्स स्टाफ का कहना है कि 650 बेड क्षमता वाले इस अस्पताल में केवल 100 नर्सों का स्टॉफ ही मरीजों का जिम्मा संभाले हुए है. नर्स स्टाफ का कहना है कि लंबे समय से अस्पताल में रिक्त पड़े पदों पर भर्ती की मांग की जा रही है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन और जिला प्रशासन के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
नर्सों को ओवरटाइम ड्यूटी करना पड़ रही
उन्होंने कहा कि 280 नर्सों के पदों में 172 पद अभी खाली पड़े हैं, जिस वजह से हमको ओवरटाइम ड्यूटी करनी पड़ रही है और कामकाज का भार भी बढ़ गया है. इसीलिए जब तक अस्पताल में खाली पड़े पदों पर भर्ती नहीं हो जाती तब तक हम अपने आंदोलन को जारी रखेंगे. वहीं अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक 650 बेड वाले डिमरापाल अस्पताल में वर्तमान में नियमित 100 नर्सों का स्टाफ है, जबकि यहां 280 के लगभग नर्सों की पूर्ती की जानी है. इसके अलावा वार्ड बॉय के करीब 50, लैब टेक्नीशियन के भी 10 और अन्य सीटी स्कैन ,सोनोग्राफी, ब्लड बैंक में भी टेक्नीशियन की कमी बनी हुई है.
डीएमएफटी के कर्मचारियों पर लटक रही तलवार
वहीं अस्पताल के एक वार्ड में 30 मरीजों को रखने की क्षमता के हिसाब से बेड लगाया गया है, लेकिन वार्डों में उससे दोगुने मरीजों को रखकर उनका इलाज किया जा रहा है. इधर वार्ड स्टाफ की कमी के चलते मरीजों के इलाज से लेकर डॉक्टरों को राउंड कराने तक एक ही नर्स दी जाती है, जिसके कारण काम का दबाव बढ़ता ही जा रहा है. वहीं अस्पताल में डीएमएफटी फंड के कर्मचारी भी ड्यूटी कर रहे हैं. अब जानकारी मिली है कि इनमें से भी कई लोगों की छटनी की जानी है. अधिकारियों का कहना है कि फंड में कमी होने के चलते ये छटनी की जा रही है. आलम यह है कि डीएमएफटी से भर्ती स्टाफ को 3 महीने का वेतन नहीं मिला है और उन्हें हटाने की बात सामने आने से स्टाफ में आक्रोश भी बढ़ गया है.
नर्सों दी गई है चेतावनी
वहीं अस्पताल अधीक्षक अनुरूप साहू का कहना है कि अस्पताल में स्टाफ की कमी बनी हुई है. इसके लिए शासन को भी पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अब तक भर्ती को लेकर कोई आदेश नहीं आया है. फिलहाल जितना स्टाफ है उन्हीं से मरीजों की देखभाल की जा रही है. वहीं नर्सों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमराई हुई है. वैकल्पिक व्यवस्था करने की कोशिश की जा रही है. हालांकि नर्सों को जल्दी वापस काम में लौटने की चेतावनी भी दी गई है.