Jagdalpur Fraud Case: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर में बेरोजगार युवाओं को ट्रेनिंग देकर नौकरी का झांसा देने वाली एक एकेडमी धड़ल्ले से संचालित हो रही है. इस एकेडमी के लोगों द्वारा एयरफोर्स में पायलट, नेवी में असिस्टेंट कमांडेंट और आर्मी के कई पदों पर भर्ती का दावा कर 2 साल तक एकेडमी के लोगों द्वारा ट्रेनिंग देने के नाम पर लाखों रुपये फीस वसूली जा रही है. इस एकेडमी  के कर्मचारियों  का दावा है कि दसवीं और 12वीं पास बच्चों को 2 साल में ट्रेनिंग देकर एयरफोर्स, नेवी और आर्मी में नौकरी दिलवाई जाएगी. खास बात यह है कि इस तरह की फर्जी एकेडमी के झांसे में बस्तर के लोग भी आ रहे हैं.


हालांकि बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने एक टीम बनाकर इस मनसा डिफेंस एकेडमी नामक कंपनी के दस्तावेजों की पड़ताल करने की बात कही है. इस एकेडमी के पास कोई भी दस्तावेज या प्रमाण नहीं है, जिससे किसी युवा की नौकरी लगी हो. वहीं इस एकेडमी के द्वारा केवल बस्तर  ही नहीं, बल्कि पूरे संभाग भर में 10वीं और 12वीं के बच्चों को नौकरी का सपना दिखाकर उन्हें ट्रेनिंग देने के नाम पर लाखों रुपये वसूले जा रहे हैं.


नौकरी दिलाने का दे रहे झांसा


जगदलपुर शहर में मनसा डिफेंस एकेडमी के नाम पर एक कंपनी संचालित हो रही है. इस कंपनी के कर्मचारियों का कहना है कि 2 साल की ट्रेनिंग देकर बच्चों को मिग-मिराज जैसे लड़ाकू विमान उड़ाने में दक्ष कर दिया जाएगा. इस एकेडमी के दफ्तर में प्रबंधन संभाल रहे महिला कर्मचारी अभिभावकों से वादे पर वादे किए जा रही है कि उनका बच्चा सेना के उच्च पदों पर इस ट्रेनिंग को हासिल कर आसीन हो सकता है. एक साल की फीस 2 से 3 लाख रुपये बताई जा रही है. खास बात यह है कि केवल बस्तर ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों के 10वीं और 12वीं पास स्टूडेंट और उनके अभिभावकों को भी फंसाया जा रहा है.


मोबाइल फोन के जरिए आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम स्थित एकेडमी के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध करवाने का दावा करने वाली एकेडमी के प्रबंधन अब तक ऐसे कई बच्चों के अभिभावकों से ट्रेनिंग के नाम पर रकम हासिल कर चुके है, जो अपने बच्चों के बेहतर और सुरक्षित भविष्य का सपना संजोय इस तरह की एजेंसियों के झांसे में आ रहे हैं. बकायदा इस कंपनी के द्वारा लीफलेट छपाया गया और उसमें बड़े-बड़े दावे करते हुए उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त दर्ज की गई. इसे ही भोले-भाले अभिभावकों को दिखाकर रिझाने की कोशिश की जा रही है. नेशनल डिफेंस एकेडमी की ट्रेनिंग के साथ ही आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के तकनीक पदों पर भर्तियों का दावा इस एकेडमी के द्वारा अपने छपाये गए लिफलेट में किया गया.


कोई अभिभावक जब एकेडमी के स्थानीय दफ्तर पहुंचकर पूछताछ करता है, तो प्रबंधन संभाल रही महिला कर्मचारी कुछ भी जवाब नहीं दे पाती है. एयरफोर्स में इंस्पेक्टर और एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर जैसे पदों पर भर्ती का लालच दिया जा रहा है. इसके अलावा नेवी में असिस्टेंट कमांडेड, यांत्रिक जीडी और डीबी जैसे पदों पर इसी 2 साल की ट्रेनिंग को बेस बताया जा रहा है. वहीं आर्मी में सोल्जर, जनरल ड्यूटी, सोल्जर टेक्निकल, क्लर्क, एसकेटी, ट्रेड्स मैन, जीडी और एसडी जैसे पदों पर बच्चों को जॉब दिलवाने का सपना दिखाया जा रहा है. इस मामले में एकेडमी के प्रबंधन कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं. इस एकेडमी में काम कर रही कुछ महिला कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें इस एकेडमी के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है. उन्हें एक स्टूडेंट की भर्ती के पीछे कमीशन दिया जाता है.


दस्तावेज की होगी जांच 


बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार का कहना है कि अभी तक किसी अभिभावकों के द्वारा उनके पास शिकायत नहीं आई है. हालांकि यह मनसा डिफेंस कंपनी कैसी है और किस तरह से बेरोजगार युवाओं को 2 साल में जॉब दिलाने का दावा कर रही है, इसकी जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह भी जांच की जाएगी कि इस कंपनी के पास भारत सरकार से कोई मान्यता प्राप्त दस्तावेज है या नहीं. क्योंकि इससे पहले भी कई कंपनियां बस्तर के युवाओ को नौकरी के नाम देने के नाम पर उनसे पैसे लेकर रफूचक्कर हो चुकी है. ऐसे में इस कंपनी के जरूरी दस्तावेज की पड़ताल प्रशासन की टीम के द्वारा की जाएगी. अगर इसके दस्तावेज फर्जी पाए जाते हैं, तो इस कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


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