Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर (Jagdalpur) शहर के महारानी अस्पताल (Maharani Hospital) में पदस्थ एक लैब अटेंडर ने आत्महत्या (Suicide) का प्रयास किया है. लैब अटेंडर को गंभीर हालत में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. यहां युवती ने अपने घर में बड़ी मात्रा में दवाइयों का सेवन कर आत्महत्या करने की कोशिश की. सुसाइड करने से पहले युवती ने अपने मोबाइल में व्हाट्सएप स्टेटस डालकर आत्महत्या के कारणों का खुलासा किया है. युवती ने अस्पताल के पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष पर प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया है. बताया जा रहा है कि जिस युवती ने आत्महत्या का प्रयास किया है उसके साथ काम करने वाली अन्य युवतियों ने पहले भी बस्तर कलेक्टर से पैथॉलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. के. के. नाग की शिकायत की थी. 


क्या आरोप लगाया
युवतियों का आरोप है कि विभाग अध्यक्ष डॉ. के. के. नाग और डिपार्टमेंट में ही पदस्थ अन्य डॉक्टरों  द्वारा उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. दुर्व्यवहार करने के साथ ही युवतियों ने डॉक्टरों पर अपशब्दों का प्रयोग करने का आरोप भी लगाया गया है. युवतियों का कहना है कि विभाग अध्यक्ष और डॉक्टरों द्वारा नौकरी से निकालने और वेतन काटने की धमकी दी जाती है. इसकी वजह से मानसिक रूप से प्रताड़ित होकर लैब अटेंडेंर ने जहर खाया है. आत्महत्या का प्रयास करने वाली लेबर अटेंडर जिज्ञासा पिछले 3 सालों से महारानी अस्पताल में काम कर रही है.


क्या बताया पीड़िता ने
गंभीर अवस्था में भर्ती कराई गयी लैब अटेंडर जिज्ञासा ने बताया कि, पिछले कुछ महीनों से लगातार पैथॉलॉजी लैब में पदस्थ युवतियों के साथ विभाग के अध्यक्ष डॉ. के. के. नाग द्वारा दुर्व्यवहार किया जा रहा है, साथ ही उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. यही नहीं युवतियों से शराब के नशे में विभाग अध्यक्ष डॉक्टर के. के. नाग छेड़खानी भी करते हैं. उसके साथ मौजूद अन्य डॉक्टर जिसमें लक्ष्मी टांडिया, सौरव कोचर और नादि सिस्टर द्वारा भी युवतियों को प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया गया है. 


हो चुकी है शिकायत
लैब अटेंडर का कहना है कि डॉक्टर के. के. नाग से लेकर अन्य डॉक्टरों की शिकायत बस्तर कलेक्टर से लेकर अस्पताल के अधीक्षक और मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी से भी की गई है बावजूद इसके उन्हें कोई समझा नहीं रहा और ना ही उन पर कोई कार्रवाई की जा रही है. पिछले कुछ दिनों से विभाग अध्यक्ष के द्वारा लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के चलते उसने आत्महत्या करने का कदम उठाया है. जिज्ञासा का कहना है कि उसके साथ लैब में पदस्थ अन्य 5 से 6 युवतियां मानसिक रूप से काफी परेशान हो चुकी हैं और उनकी भी नौकरी छोड़ने की नौबत आ गई है. उनका कहना है कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करना बंद करें और डॉक्टर के. के नाग व अन्य डॉक्टरों जिन्होंने उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया है पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए.


विभाग अध्यक्ष ने क्या कहा
इधर डॉक्टर के. के. नाग ने अपने आप को निर्दोष बताया है. डॉक्टर  का कहना है कि उन्हें जबरन फंसाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने किसी भी युवती से दुर्व्यवहार नहीं किया है. बता दें कि इससे पहले भी डॉक्टर के. के. नाग के खिलाफ शिकायत सामने आ चुकी है. साथ ही ड्यूटी के वक्त भी हर समय नशे में होने की शिकायत भी हो चुकी है. बावजूद इसके अब तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. फिलहाल आत्महत्या का प्रयास करने वाली युवती की जान खतरे से बाहर बताई जा रही है.


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