जगदलपुर नगर निगम की बड़ी लापरवाही, दलपत सागर में छोड़ा जा रहा शहर के नालों का गंदा पानी
Chhattisgarh News: दलपत सागर, जगदलपुर का सबसे बड़ा तालाब, प्रदूषण के कारण खतरे में है. शहर के नालों का गंदा पानी सीधे इस तालाब में बह रहा है. जलकुंभी को हटाने का प्रयास किया जा रहा है.
Jagdalpur News: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में स्थित प्रदेश के सबसे बड़े तालाब और ऐतिहासिक दलपत सागर का रखरखाव करने में नगर निगम विफल साबित हो रहा है. शहर के 10 से अधिक बड़े नालों का गंदा पानी सीधे दलपत सागर में पहुंचने से दलपत सागर का पानी लगातार प्रदूषित होता जा रहा है.
यही वजह है की रियासत कालीन इस तालाब में सिर्फ और सिर्फ जलकुंभी ही दिखाई पड़ रही है. जलकुंभी को नष्ट करने 90 लाख रुपये की लागत से खरीदी गई विड हार्वेस्टिंग मशीन भी इस तालाब में रोजाना चलाई जाती है, लेकिन गंदे पानी की वजह से यह जलकुंभी दुबारा पनपते जा रही है, दलपत सागर को शहर से निकलने वाले दूषित पानी से बचाने के लिए बालिकोंटा में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी स्थापित किया गया है.
कांग्रेस ने बीजेपी सरकार लगाया आरोप
करोड़ों रुपये खर्च कर इस ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना यह सोचकर की गई थी कि शहर से निकलने वाला गंदा पानी इस ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचेगा और स्वच्छ होने के बाद ही पानी को तालाब या इंद्रावती नदी में छोड़ा जाएगा. तालाबों और नदियों के रखरखाव और सफाई को लेकर भी एनजीटी का साफ दिशा निर्देश है कि बगैर ट्रीटमेंट के नालों का गंदा पानी तालाबों और नदी में न छोड़ा जाए, लेकिन इन नियमों का पालन जगदलपुर में होता दिखाई नहीं दे रहा है. इस मामले में कांग्रेस ने निगम की बीजेपी सरकार पर दलपत सागर के रखरखाव के प्रति उदासीन होने का आरोप लगाया है.
'एनजीटी के नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां'
दरअसल कुछ साल पहले ही शहर से लगे बालिकोंटा में करोड़ों रुपये की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना की गई है, इस प्लांट की स्थापना का उद्देश्य था कि जगदलपुर शहर से नालों के जरिए निकलने वाला गंदा पानी ट्रीटमेंट प्लांट तक लाया जाएगा और इसके बाद इस गंदे पानी का ट्रीटमेंट कर इसे वापस शहर के ऐतिहासिक दलपत सागर और इंद्रावती नदी में छोड़ा जाएगा, लेकिन वर्तमान में ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है, आलम यह है कि मानसून के मौसम में एक तरफ जहां नाले पूरी तरह से जाम पड़े हुए हैं, वहीं शहर के 10 से अधिक बड़े नालों का गंदा पानी दलपत सागर में छोड़ा जा रहा है, जिससे यह ऐतिहासिक सागर लगातार प्रदूषित हो रहा है.
इस वजह से जाम पड़े है नाले
इस मामले में कांग्रेस के पार्षदों का कहना है कि मानसून के मौसम में एक तरफ जहां शहर के चारों ओर गंदगी फैली हुई है, वहीं कई बड़े नाले और छोटे नाले बरसात के पानी की वजह से जाम पड़े हुए हैं, वहीं अब बड़े नालों का पानी सीधे दलपत सागर में छोड़ा जा रहा है, करोड़ों रुपये की लागत से पाइप लाइन बिछाई गई और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया लेकिन निगम सरकार इसको लेकर बिल्कुल भी गंभी नजर नहीं आ रही है, और एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ा रही है.
जलस्तर बढ़ाने के लिए छोड़ा जा रहा पानी
वही इस मामले में निगम के एमआईसी सदस्य और भाजपा पार्षद नरसिंह राव का कहना है कि बारिश में शहर के नालों का पानी दलपत सागर में नही जाएगा तो दलपत सागर में पानी नही भरेगा, वहीं महापौर सफीरा साहु का भी कहना है कि शहर में हो रही बारिश के चलते नालों के जरिए ओवर फ्लो होकर पानी तालाब में जा रहा है, और इससे दलपत सागर का जल स्तर बढ़ रहा है. इधर एनजीटी के गाइडलाइंस को दरकिनार कर निगम सरकार अपनी मनमानी करते नजर आ रहा है.
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