Jagdalpur Nagar Nigam Clash: लोकसभा चुनाव खत्म होने के साथ ही अब छत्तीसगढ़ के जगदलपुर नगर निगम में सियासी बवाल मचा हुआ है, दरअसल चुनाव के दौरान कांग्रेसी  महापौर सफीरा साहू ने 6 कांग्रेसी पार्षदों के साथ बीजेपी में प्रवेश कर लिया था, इसके बाद से सभी कांग्रेसी पार्षदों ने महापौर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.


चुनाव खत्म होते ही कांग्रेस के 9 एमआईसी सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है, इन सदस्यो ने आरोप लगाया है कि महापौर के पार्टी बदलने से नगर निगम में अफ़सर शाही हावी हो गई है, और उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है, यही नहीं निगम क्षेत्र के 48 वार्डों में पेयजल के लिए लोगो का बुरा हाल है, लेकिन महापौर अपनी निधि को ठिकाने लगाने में पूरी तरह से व्यस्त हो गई है, और निगम में जनता के हित के कोई काम नहीं हो रहे हैं.


एमआईसी सदस्यों ने महापौर पर लगाए गंभीर आरोप
जगदलपुर नगर निगम में कांग्रेस की सरकार थी लोकसभा चुनाव में महापौर साफिरा साहू के साथ ही 6 वरिष्ठ कांग्रेसी पार्षदों के बीजेपी में प्रवेश करने से सियासी बवाल मच गया, एक तरफ जहां महापौर ने कांग्रेस के नेताओं पर उपेक्षा और छेड़छाड़ का आरोप लगाया, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के पार्षदों ने महापौर पर दल-बदलू का आरोप लगाकर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया, वहीं इस  बीच लोकसभा  चुनाव खत्म होने के साथ ही  कांग्रेस के सभी 9 एमआईसी सदस्यों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है.


जनता के साथ किया धोखा
इन पार्षदों ने प्रेस वार्ता लेकर मेयर सफिरा साहू पर आरोप लगाया कि महापौर ने जब से बीजेपी में प्रवेश किया है, तब से वह गायब है ना ही शहर के वार्डों में दिख रही है और न पार्षदों या एमआईसी मेंबरों की समस्या सुन रही है ,उन्होंने कहा कि जगदलपुर की जनता ने कांग्रेस के पार्षदों को जीताकर महापौर के लिए बहुमत दिलाया था और पार्षदों ने सफिरा साहू को महापौर  बनाया था, लेकिन महापौर सफिरा साहू ने दल बदल लिया और जनता के साथ धोखा किया .


कमिश्नर हीं सुन रहे हैं महापौर की
इधर गर्मी में लोग बूंद बूंद पानी के लिए परेशान हो रहे हैं, लेकिन महापौर लोगों की समस्या सुलझाने सामने नहीं आ रही है, खुद निगम के कमिश्नर महापौर की नहीं सुन रहे हैं, सभी कांग्रेसी पार्षदों ने कहा कि वह चाहते हैं की महापौर और सदन में आए और अपना बहुमत साबित करें, वहीं कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में समस्याओं का अंबार लग गया है, महापौर एमआईसी सदस्यों की नहीं सुन रही है.


ऐसे में सभी जो एमआईसी सदस्य जिसमें उदयनाथ जेम्स, राजेश राय, विक्रम सिंह डांगी, सुषमा कश्यप, कनीज फातिमा, दीपा नाग ,अनीता नाग, सुशीला नाग, और विजय कुमार ने भी इस्तीफा दे दिया है, शहर हित की बातों पर महापौर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है, और अब एमआईसी सदस्यों ने भी महापौर के साथ काम नहीं करने का निर्णय लिया है.


महापौर ने किया आरोपो पर  पलटवार
इधर इस मामले में महापौर साफिरा  साहू का कहना है कि कांग्रेस कार्यकाल में उनके मेयर रहते उन्हें कोई विकास कार्य करने नहीं दिया जा रहा था, कांग्रेस के मंशा ही नहीं कि वह जनता के हित में काम करें, विकास कार्य में कांग्रेसियों के द्वारा अढ़ंगा डाला जा रहा था ,लगातार उपेक्षा की शिकार होने के चलते और कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर को समझने के चलते ही उन्होंने बीजेपी में प्रवेश किया, मेयर ने कहा कि बीजेपी में प्रवेश करने के बाद लगातार विकास कार्य के लिए जनता के बीच जा रहे हैं ,जल्द ही सदन में उनके द्वारा बहुमत साबित किया जाएगा.


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