Jagdalpur Private School: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर में स्थित एक निजी स्कूल के प्रबंधन ने मासिक फीस का भुगतान नहीं करने के चलते बच्चों को वार्षिक परीक्षा में शामिल होने नहीं दिया. इतना ही नहीं बच्चों को परीक्षा हॉल से बाहर करने के साथ ही करीब डेढ़ घंटे तक उन्हें धूप में खड़ा कर दिया. रोते-बिलखते बच्चों की प्रबंधन और स्कूल के स्टाफ ने एक भी नहीं सुनी. 


50 से अधिक बच्चों को किया बाहर
जैसे अभिभावकों को इसका पता चला, सभी पहुंच गए. इसके बाद स्कूल प्रबंधन और परिजनों के बीच जमकर विवाद हुआ. इसके बाद आखिरकार मौके पर पहुंचे  शिक्षा विभाग के अधिकारी के हस्तक्षेप पर बच्चों को तीन घंटे बाद परीक्षा में शामिल होने दिया गया. दरअसल प्रबंधन ने केवल एक महीने का फीस जमा नहीं करने के चलते स्कूल में पढ़ने वाले करीब 50 से 60 बच्चों को वार्षिक परीक्षा के बीच क्लास से सीधे बाहर कर दिया था.


स्कूल की मनमानी से अभिभावक हैं परेशान
दरअसल, कई दिनों से शहर के आड़ावाल स्थित ज्ञानोदय स्कूल के प्रबंधन की ओर से मासिक फीस के लिए स्कूली बच्चों और परिजनों को बार-बार परेशान करने का मामला सामने आया था. इसी बीच सोमवार सुबह वार्षिक परीक्षा के दौरान एक्जाम हॉल में बैठे करीब 50 बच्चों को प्रबंधन ने स्कूल से बाहर कर दिया. प्रबंधन ने फीस जमा होने के बाद ही परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की बात कही. इसके बाद बच्चे स्कूल परिसर में तेज धूप में बैठे रहे और अपने अभिभावकों को इसकी जानकारी दी. परिजनों के स्कूल पहुंच कर फीस जमा करने और बाकी प्रक्रिया पूरा करने में करीब एक से डेढ़ घंटे लग गए. इसके बाद ही बच्चों को वार्षिक परीक्षा में बैठने दिया गया. 


पूरी फीस का दबाव बनाने लगा प्रबंधन
इसी बीच प्रबंधन अभिभावकों पर पूरी फीस देने का दबाव बनाने लगा. इसके बाद ही बच्चों को एग्जाम मैं बैठने की अनुमति देने की बात कही. इसी बीच विवाद बढ़ने पर परिजनों ने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की. इसके बाद मौके पर पहुंचे बीआरसी  अधिकारी से स्कूल प्रबंधन की मनमानी और बच्चों को प्रताड़ित करने की शिकायत के बाद अधिकारी ने परिजनों को जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. इस पूरे मामले में ज्ञानोदय स्कूल प्रबंधन ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.


तीन घंटे तक चल हाई वोल्टेज ड्रामा


अभिभावकों ने यह भी बताया कि इससे पहले भी स्कूल प्रबंधन द्वारा फीस को लेकर ऐसे ही मनमानी की जाती रही है. कोरोना काल में भी  स्कूल प्रबंधन ने बच्चों की फीस माफ न करते हुए पूरी फीस वसूली थी. परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि स्कूल में नियमित रूप से होने वाली प्रेयर में राष्ट्रगान को शामिल नहीं किया जाता है. बच्चों के कुछ मिनट स्कूल देर से पहुंचने पर मनमाने तरीके से जुर्माना भी वसूलने का आरोप लगाया गया है.


फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी ने शिकायतों पर जांच की बात कही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है. अधिकारी का भी कहना है कि एक महीने की फीस जमा नहीं करने पर बच्चों को परीक्षा से वंचित करना नियम के खिलाफ है. इस पर स्कूल प्रबंधन से स्पष्टीकरण भी मांगा जाएगा. 


यह भी पढ़ें:Chhattisgarh News: बिलासपुर में चीनी एप में इंवेस्ट कराने को चल रहा था सेमिनार, मौके पर पहुंची पुलिस ने लिया ये एक्शन