Jal Jeevan Mission Bharti Koriya: छत्तीसगढ़ के कोरिया व मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) जिले में जल जीवन मिशन योजना के तहत हर घर नल कनेक्शन देकर पेयजल सप्लाई शुरू करने की योजना में विभाग के कागजी आंकड़े कुछ और है और जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इस योजना के तहत मार्च 2024 तक शत प्रतिशत कार्य पूर्ण करना है. लेकिन जिस तरह से कोरिया व एमसीबी जिले में काम हुआ है वह अभी लक्ष्य से काफी पीछे है और आगामी माह के अंत तक शेष कार्य पूर्ण होने की संभावना भी नही है. जल जीवन मिशन योजना के हर घर पेयजल आपूर्ति के लिए सभी तरह के आवश्यक व्यवस्था बनाई गई जिसमें पानी की तरह पैसा खर्च किया गया. 


जिन पंचायतों में कार्य पूर्ण होने का दावा किया जा रहा है उन पंचायत क्षेत्रों में भी लोगों के घर के सामने लगे नल में पानी नहीं मिल रहा है. जिससे कि आने वाले गर्मी के दिनों में लोगों को अपने परंपरागत व्यवस्था के तहत ही पेयजल आपूर्ति को पूरा करना होगा. क्योकि जल जीवन मिशन योजना में पानी की तरह पैसा बहाये जाने के बाद भी आने वाले गर्मी के दिनों में लोगों को पेयजल की आपूर्ति होने की संभावना कम ही लग रही है. जानकारी के अनुसार अब तक जल जीवन मिशन योजना के तहत घर घर पानी पहुंचाने के लिए लगभग 70 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके है. इसके बावजूद लोगों के घर के सामने लगे नल में पानी नहीं मिल रहा है. इस कार्य को पूरा करने के लिए पीएचई विभाग को एजेंसी बनाया गया है. विभाग का दावा है कि 70 प्रतिशत काम पूरा हो गया है लेकिन अब तक 50 फीसदी से अधिक गांवों में पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो पाई है. 


कई पंचायत क्षेत्रों में अब तक कार्य पूरा नहीं 
जल जीवन मिशन योजना के तहत कोरिया-एमसीबी जिले के कई पंचायत ऐसे है जहां अब तक कार्य पूरा नहीं हो पाया है. जिसे पूरा करने के लिए डेढ़ माह से अधिक समय शेष बचा है. ऐसे में अधुरे कार्य कम समय में होना संभव नहीं लग रहा है. विभागीय आंकड़ों के अनुसार अब तक 70 प्रतिशत ही कार्य पूर्ण हो पाया है. ऐसे में तय समय सीमा में शत प्रतिशत कार्य होने की संभावना बहुत कम है. इस तरह जल जीवन मिशन में करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद लोगों को आने वाले गर्मी के दिनों में पेयजल के लिए पहले की तरह मशक्कत करना पड़ेगा.


कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र की जांच जरूरी 
जानकारी के अनुसार ठेकेदार के द्वारा जिले के कई पंचायतों में उक्त कार्य पूर्ण होने का प्रमाण पत्र दे दिया है और भुगतान भी ले लिया. ऐसे में पीएचई विभाग को चाहिए कि ठेकेदार के द्वारा जिन जिन पंचायतों में जल जीवन मिशन योजना का कार्य पूरा होने का प्रमाण पत्र दिया गया है इसकी जांच की जानी चाहिए कि वास्तव में कार्य पूरा हो गया है और लोगों को योजना का लाभ मिल रहा है. यदि कार्य पूरा नहीं हुआ है और कार्य पूर्णता का प्रमाण पत्र दे दिया गया है या फिर कार्य पूर्ण होने के बाद योजना का लाभ नहीं मिल रहा है तो जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.


कोरिया में 51 हजार से अधिक कनेक्शन का लक्ष्य
पीएचई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कोरिया जिले में जल जीवन मिशन योजना के तहत कुल 51 हजार 836 घरों में नल का कनेक्शन होना है. जिसमें से अब तक केवल 36 हजार 651 घरो में ही नल कनेक्शन का कार्य पूरा हो पाया है. इस कार्य को पूरा करने के लिए समय मार्च 2024 निर्धारित है. अब बचे अवधि में शेष कायों को पूरा होने की संभावना कम है.


नल के स्टैंड में बांध रहे मवेशी
कोरिया जिले में जल जीवन मिशन योजना के तहत प्रत्येक पंचायत के सभी लोगों के घरों तक पेयजल पहुंचाने के लिए कार्य शुरू किया गया लेकिन अब तक कई पंचायतों में कार्य अधूरे पड़े है. जहां कार्य पूरा भी कर लिया गया है लेकिन वहां नल में पेयजल आपूर्ति की शुरुआत नहीं हो पाई है लोगों के घरो के सामने नल के स्टैंड व चबूतरा बना हुआ है. नल से पानी नही आने के कारण ग्रामीण नल के स्टैंड में अपने जानवरों को बाँधने का काम कर रहे है. अनेक गांव में ऐसी ही स्थिति है जहां ग्रामीण पानी न मिलने से मवेशियों को बांध रहे है. इस संबंध में पीएचई विभाग के कार्यपालन अभियंता सीबी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि अविभाजित कोरिया जिले में अभी तक लगभग 70 प्रतिशत कार्य हो चुके है, लेकिन निर्धारित समय तक कार्य पूर्ण नहीं हो पायेगे.


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