Janjgir-Champa News: जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत छाता जंगल से साल के पेड़ काटकर ले जा रहे एक ट्रैक्टर को वन विभाग ने पकड़ा था और ट्रैक्टर को जब्त कर राजसात करने की कार्रवाई के लिए वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी को पत्र लिखा था. वन परिक्षेत्र अधिकारी बलौदा द्वारा पत्र लिखे जाने के चार महीने बाद भी विभाग के अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जब्त ट्रैक्टर को राजसात करने की कार्रवाई अब तक नहीं की गई है. बताया जा रहा है कि जब्त ट्रैक्टर बलौदा क्षेत्र के किसी कांग्रेस नेता का है, जिसकी वजह से ट्रैक्टर को राजसात करने की कार्रवाई में लापरवाही की जा रही है. इससे अनुविभागीय अधिकारी की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं.


ट्रैक्टर छोड़कर भाग गया था
दरअसल, बलौदा वन परिक्षेत्र के उप वन अधिकारी प्रदीप सिदार को चार माह पहले मुखबिर से सूचना मिली थी कि छाता जंगल में पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है. सूचना मिलने पर प्रदीप सिदार दल-बल के साथ सुबह पांच बजे छाता जंगल के चौराहा पर पहुंचे थे और वहां ट्रैक्टर में पेड़ों के लठ्ठे भरकर ला रहे एक ट्रैक्टर को रोका. सामने वन विभाग के अधिकारियों की टीम को देखकर ट्रैक्टर चालक और उस पर सवार लकड़ी तस्कर मौके पर ही ट्रैक्टर को छोड़कर भाग निकले थे.


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राजसात के लिए पत्र लिखा गया था
इसके बाद वन विभाग की टीम ने ट्रैक्टर को अपने कब्जे में लेकर उसमें लोड 20 लट्ठे सहित ट्रैक्टर की जब्ती की कार्रवाई की थी. वहीं वन विभाग की टीम ने इस मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ अभिवहन वनोपज नियम 2001 के नियम 3 एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 52 के अनुसार कार्रवाई करते हुए जब्त ट्रैक्टर को राजसात करने के लिए वन विभाग के एसडीओ को पत्र लिखा था. 


इस वजह से नहीं हुई कार्रवाई
बताया जा रहा है कि जब्त ट्रैक्टर में नंबर नहीं लिखा था, लेकिन बाद में विभाग के अधिकारियों को जानकारी मिली कि ट्रैक्टर बलौदा क्षेत्र के ही एक कांग्रेस नेता की है, जिनके द्वारा छाता जंगल से हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई करवाकर लकड़ियों की तस्करी की जा रही है. तब से वन विभाग के एसडीओ ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. यही वजह है कि ट्रैक्टर मालिक के खिलाफ चार माह पहले मामला दर्ज होने के बाद भी एसडीओ द्वारा जब्त ट्रैक्टर की अब तक राजसात की कार्रवाई नहीं की गई है.


जानकारी नहीं दे रहे एसडीओ
इस मामले में वन मंडल चांपा स्थित कार्यालय में पदस्थ एसडीओ संचित शर्मा से जब बात की गई तो पहले तो उन्होंने कहा कि मामले में कार्रवाई जारी है. मगर जब उनसे यह पूछा गया कि कार्रवाई कब तक होगी तो उन्होंने कहा कि इस मामले में वे न्यायाधीश हैं और न्यायाधीश से सवाल-जवाब नहीं किया जा सकता. कुल मिलाकर कहें तो एसडीओ शर्मा ने इस मामले से संबंधित स्पष्ट जानकारी ना देकर गोलमोल जवाब दिया. इससे साफ है कि एसडीओ शर्मा द्वारा कांग्रेसी नेता और लकड़ी तस्करी में इस्तेमाल उनके ट्रैक्टर को बचाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है.


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