Janjgir-Champa: प्रशासन की बड़ी लापरवाही! दिव्यांग छात्रों के लिए भेजे गए मोबाइल ब्लॉक कर्मचारी कर रहे इस्तेमाल
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा के कई ब्लॉक में दिव्यांग विद्यार्थियों को बांटने के लिए मोबाइल फोन भेजे गए थे. ये मोबाइल फोन पढ़ाई में सुविधा के लिए भेजे गए थे.
Janjgir-Champa News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में अविभाजित जांजगीर-चांपा (Janjgir-Champa) जिले के 9 विकासखंडों में दृष्टिहीन विद्यार्थियों के लिए करीब 100 मोबाइल (Mobile) सीधे राज्य स्तर से ब्लॉकों को भेजा गया है. मोबाइल को कितने विद्यार्थियों Ja को बांटा गया और कितने बचे हैं, इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है, जिसके कारण बचे मोबाइल का इस्तेमाल ब्लॉक कार्यालय के कर्मचारी कर रहे हैं. वहीं कुछ विकासखंड में मिले मोबाइल से ज्यादा दावेदार होने के कारण किसे बांटे की असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जिससे मोबाइल कार्यालय में रखे हैं.
दिव्यांगों को पढ़ाई में सुविधा के लिए शासन द्वारा विशेष मोबाइल प्रदान किया जा रहा है. इसके लिए विभाग द्वारा वर्ष 2019 में सर्वे कराया गया था, लेकिन हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल के जरूरतमंद बच्चों को मोबाइल बांटने के लिए शासन द्वारा सीधे ब्लाक स्तर पर बीआरपी को भेजा गया है. मोबाइल मिलने के बाद कई विकासखंड में सर्वे सूची अनुसार इसका वितरण किया गया, लेकिन कुछ विकासखंड में बच्चों की संख्या मोबाइल से ज्यादा होने के कारण वितरण नहीं किया गया.
बचे हुए मोबाइल के लिए मांगा मार्गदर्शन
इस कड़ी में जिले के बलौदा विकासखंड को मिले 14 मोबाइल का वितरण किया जा चुका है, तो अकलतरा विकासखंड में 12 मोबाइल मिला है, लेकिन जरूरतमंद बच्चों की सूची में 20 नाम हैं, जिसके कारण प्राथमिकता अनुसार 10 बच्चों को मोबाइल दिया गया है और शेष बचे दो मोबाइल को किस बच्चों को दिया जाए, इस संबंध में उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा गया है.
कर्मचारी कर रहे मोबाइल का इस्तेमाल
वहीं बम्हनीडीह, पामगढ़ में भी मोबाइल बांटा गया है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि वहां भी कुछ मोबाइल बचे हैं. जनवरी महीने में मिले मोबाइल को अब तक पूरी तरह से नहीं बांटा गया है. संबंधित बीआरपी कार्यालय में बचे मोबाइल को वहां के कर्मचारी उपयोग कर रहे हैं. बताया जा रहा कि मोबाइल उच्च कार्यालय से सीधे बीआरपी कार्यालय को भेजा गया है, जिसके कारण जिला स्तर पर मोबाइल वितरण पर किसी अधिकारी का ध्यान नहीं है, जिसका फायदा बीआरपी कार्यालय के स्टाफ जमकर उठा रहे हैं.