Janjgir Champa News: जांजगीर चांपा जिले में कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. यही कारण है कि पिछले दो वर्षों में जिले की कुपोषण दर 2.26 प्रतिशत घट गई है. महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से लगातार पोषण स्तर में सुधार और बेहतरी का प्रयास किया जा रहा है. कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने और सुपोषण के उद्देश्य से विभाग पोषण आहार कार्यक्रम, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण मिशन योजना, महतारी जतन योजना, प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना चला रहा है. इन्हीं योजनाओं की सफलता से जिले में कुपोषण का स्तर गिरा है.


योजना क्रियान्यवन में मैदानी अमला का विशेष योगदान


कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला ने बताया कि पोषण योजनाओं का क्रियान्वयन 2,255 आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से किया जा रहा है. इसमें महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों के मैदानी अमलों का योगदान महत्पूर्ण है. कोरोना काल में भी कोविड नियमों का ध्यान रखते हुए योजना का क्रियान्वयन जारी रहा. पूरक पोषण आहार अंतर्गत जिले में 1,42,593 बच्चों, 13,988 शिशुवती माताओं और 16,718 गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित किया गया है.




जिले के विभिन्न विकासखंडों में कुल 11 पोषण पुनर्वास केन्द्र संचालित हैं. उनके माध्यम से इस वित्तीय वर्ष में गंभीर कुपोषित कुल 658 बच्चों का समुचित उपचार कर लाभान्वित किया गया. मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में 2,104 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया है. जिनमें से जरुरतमंद 1421 बच्चों को जरूरी दवा भी दी गई. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में शुरू से आज तक कुल 34,494 हितग्राहियों का पंजीयन किया गया. इनमें से 34,311 हितग्राहियों को प्रथम किश्त, 27,138 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त और 19,043 हितग्राहियों को तृतीय किश्त से फायदा पहुंचाया जा चुका है.


मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का लोगों को मिला लाभ


मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 14,204 कुपोषित बच्चों, 17,265 शिशुवती माताओं और 617 ऐनीमिक महिलाओं को लाभांवित किया गया जिनमें से 3,064 बच्चे कुपोषण तथा 110 महिलाएं ऐनीमिया से मुक्त हुए. इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2020-21 में 11,420 कुपोषित बच्चों, 16,762 गर्भवती महिलाओं तथा 4,657 ऐनीमिक महिलाओं को लाभांवित किया जा रहा है. अब तक 2,689 बच्चे कुपोषण से और 1,704 महिलाएं ऐनीमिया मुक्त हो चुके हैं. वजन त्यौहार 2019 के अनुसार जिले में 19,095 बच्चे मध्यम कुपोषित और 5,301 बच्चे गंभीर कुपोषित थे. उस समय कुपोषण का प्रतिशत 17.08 था. नवंबर 2021 के आंकड़ों में बताया गया है कि 10,508 बच्चे मध्यम कुपोषित और 2094 बच्चे गंभीर कुपोषित हैं. जिनका योजनानुसार समुचित इलाज किया जा रहा है. योजना के सुव्यवस्थित किन्यावयन की वजह से कुपोषण में 2.26 प्रतिशत की कमी आयी है. कुपोषण का प्रतिशत 14.82 पर पहुंच गया है.