छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा संभाग में लंबे समय से हाथी और मानव के बीच संघर्ष जारी है लेकिन इसमें हर बार हाथी ही भारी पड़ रहा है. हाथियों के हमले से लगातार मौत हो रही है. चाहे सूरजपुर हो या सरगुजा, हाथियों से जशपुर (Jashpur) जिला भी अछूता नहीं है. यहां के कुनकुरी वन परिक्षेत्र में इन दिनों हाथियों के आतंक से हर कोई सहमा हुआ है. बीते 90 दिनों में कुनकुरी इलाके में हाथियों ने चार लोगों की जान ले ली है. मंगलवार की सुबह हाथियों ने एक पुरुष समेत दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया.


महिला-पुरुष की ली जान
दरअसल, कुनकुरी वनपरिक्षेत्र के ग्राम कंडोरा निवासी त्रिलोचन यादव सुबह अपने घर के पास स्थित लीची बगान में घूम रहा था. इसी दौरान बगान में एक हाथी घुस आया, जिसने त्रिलोचन पर हमला कर दिया. घटना में उसकी मौके पर ही मौत हो गई. वहीं दूसरी घटना ग्राम चुवा में हुई. यहां शौच के लिए घर से बाहर निकली 62 वर्षीय वृद्ध महिला सनियारों बाई को हाथियों ने कुचलकर मारा डाला. गौरतलब है कि कुनकुरी वन परिक्षेत्र में वर्तमान में 5 दल में 45 हाथी विचरण कर रहे हैं.


गांव की ओर रुख कर रहे
बता दें कि कुनकुरी क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन चुके हाथियों को गांव इलाके से दूर खदेड़ने के लिए वन विभाग लगातार प्रयास कर रहा है लेकिन उनका प्रयोग हर बार असफल रहा है. शायद यही वजह है कि अब हाथी गांव की ओर रुख कर रहे हैं और संपति को नुकसान पहुंचाने के साथ लोगों की जान ले रहे हैं. 


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कब-कब हुईं मौतें
बीते 30 मार्च की रात एक हाथी ने ग्राम रानीकोम्बो के चराईमारा में 60 साल के बुजुर्ग भुवनेश्वर सिंह पर हमला किया जिससे उसकी मौत हो गई. इसके बाद 4 जून को कंडोरा पंचायत के करमटोली गांव के 6 लोग मछली मारने तेतरखोईर जंगल में गए थे. जहां पानी से भरे नाले के पहले ही जंगली हाथी अचानक झाड़ियों को गिराते हुए सामने आ गए. इस दौरान 35 वर्षीय राजेश नाम का युवक उनकी चपेट में आ गया. हाथी ने उसकी छाती पर पैर रखकर उसकी जान ले ली.


मखना हाथियों का दल
डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि, 3 गश्ती दल हाथी विचरण क्षेत्र में लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं. वहीं अब हाथियों के बढ़ते हमलों को देखते हुए 3 और पेट्रोलिंग टीम तैयार की गई है. उन्होंने आगे बताया कि अभी मखना हाथी घूम रहे हैं. जो हाथी वयस्क हो चुके हैं उन्हे मखना हाथी कहा जाता है. जो मदकाल में होने के कारण दल से निकले हुए हैं. ये काफी आक्रामक होते हैं और इंसानों द्वारा खदेड़े जाने पर उनपर हमला करते हैं.


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