Jashpur पहुंचकर दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण करेंगे RSS प्रमुख, जानें-क्या है खास
Jashpur: दिलीप सिंह जूदेव धर्म बदल चुके हिंदुओं के घर वापसी की शुरुआत करने वाले नेता थे जिन्होंने एक लाख से अधिक धर्म बदल चुके हिंदुओं को फिर से हिंदू धर्म में वापस लाया.
Chhattisgarh News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (RSS chief Mohan Bhagwat) 14 नवंबर को छत्तीसगढ़ के जशपुर (Jashpur) आने वाले हैं. वे जशपुर में दिवंगत वरिष्ठ बीजेपी (BJP) नेता और घर वापसी कार्यक्रम के जनक स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण करेंगे और जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इस दौरान देश के कई राज्यों के बड़े बीजेपी नेता भी मौजूद रहेंगे. गौरतलब है कि स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव (Late Dilip Singh Judev) की जिस प्रतिमा का अनावरण करने खुद आरएसएस प्रमुख आ रहे हैं वो बेहद खास है जिसकी खासियत आपको भी जाननी चाहिए.
बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण
स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के घर वापसी कार्यक्रम (धर्म बदल चुके हिंदू की अपने धर्म में वापसी) को आगे बढ़ाने वाले उनके पुत्र प्रबल प्रताप सिंह ने एबीपी न्यूज़ से बताया कि 14 तारीख को संघ प्रमुख छत्तीसगढ़ के जशपुर आएंगें. जहां सुबह 11 बजे से दोपहर बाद करीब 4 बजे तक यहां रहेगें. इस दौरान श्री भागवत सबसे पहले जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में शहर के बिरसा मुंडा चौक में बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे.
इसके बाद वहां से झांकी के माध्यम से उनको रणजीता स्टेडियम के पास लाया जाएगा जहां मोहन भागवत हिंदू ह्रदय सम्राट की उपाधि पाने वाले स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा का अनावरण करेंगे. इसके बाद कुछ घंटे के लिए मंचीय कार्यक्रम होगा. गौरतलब है कि इस आयोजन के लिए जूदेव परिवार द्वारा कई प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी के बड़े नेताओं को निमंत्रण दिया गया है. जशपुर के इस आयोजन के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत अम्बिकापुर के लिए रवाना हो जाएंगें.
कौन थे दिलीप सिंह जूदेव
दिलीप सिंह जूदेव का जन्म 1949 में छत्तीसगढ़ के जशपुर राजपरिवार में हुआ था. जशपुर राजपरिवार के सदस्य दिलीप सिंह जूदेव केन्द्र की अटल बिहारी सरकार में वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री रह चुके हैं. वे बिलासपुर से सांसद थे. साथ ही वे अविभाजित मध्य प्रदेश फिर छत्तीसगढ़ के प्रमुख बीजेपी नेताओं की फेहरिस्त में थे. वे धर्म बदल चुके हिंदुओं के घर वापसी की शुरुआत करने वाले नेता थे जिन्होंने एक लाख से अधिक धर्म बदल चुके हिंदुओ को फिर से हिंदू धर्म में वापस लाया.
क्या है दिलचस्प वाकया
स्वर्गीय जूदेव से जुड़ा सबसे दिलचस्प वाकया है कि वे 1988 में रायगढ़ की खरसिया विधानसभा से उप चुनाव लड़े और उनको पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने 8 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया लेकिन उसके बाद अर्जुन सिंह ने तो कोई विजय जुलूस नहीं निकाला पर दिलीप सिंह जूदेव ने “हमारी जीत चुरा ली गई” नारे के साथ रायगढ़ से जुलूस निकाला जो सिलसिला करीब एक साल तक जारी रहा. इस दौरान जगह जगह पर उनका सिक्कों और तलवार से स्वागत किया गया था.
प्रतिमा की खासियत
संघ प्रमुख मोहन भागवत स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की जिस आदम कद प्रतिमा का अनावरण करने वाले हैं वह कई कारणों से अहम है. दरअसल अष्ट धातु से बनी इस प्रतिमा को राम सुतार जी ने बनाया है. 1925 में जन्मे 97 साल के राम सुतार जी वो सख्स हैं जिन्होंने भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल की सबसे ऊंची 182 मीटर की प्रतिमा बनाई है. इसके अलावा उन्होंने भारत के संसद भवन की गॉधी प्रतिमा, जर्मनी की प्रसिद्ध गॉधी प्रतिमा के साथ ही कई बड़े नेताओं और हस्तियों की प्रतिमा बनाई है. राम सुतार जी विश्व के नामचीन मूर्तीकार हैं. उनको टैगोर अवार्ड, पद्मश्री और पद्मभूषण से भी नवाजा गया है.
स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र प्रबल प्रताप सिंह जूदेव बताते हैं कि पिता जी की मूर्ति बनवाने के लिए गए तो वे स्टेचू ऑफ यूनिटी प्रतिमा को बनाने में व्यस्त थे लेकिन जैसे ही उनको खबर मिली कि छत्तीसगढ़ से दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र उनसे मिलने आए हैं तो वे काफी सहजता से मिले और मूर्ति बनाने के आग्रह को स्वीकार कर लिया. गौरतलब है कि दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा नोएडा के गौतम बुद्ध नगर में बनाई गई है.
Chhattisgarh: जशपुर में सांप ने काटा तो बच्चे को आ गया गुस्सा, नाग को दांतों से काट कर मार डाला