Chhattisgarh: जशपुर में डैम का पानी खोलने वालों पर होगी कार्रवाई, वन विभाग मामले की जांच में जुटा
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में शाहीडांड के पास बने स्टॉप डैम के गेट को तोड़कर उसके पानी को व्यर्थ बहाने वाले असामाजिक तत्वों पर कार्यवाई की जाएगी. वन विभाग इस मामले की जांच कर रहा है.
Jashpur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जशपुर (Jashpur) जिले में शाहीडांड के पास बने स्टॉप डैम के गेट को असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़ दिया गया था और उसके पानी को व्यर्थ बहा दिया गया था. अब इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वन विभाग ने उन असामाजिक तत्वों की खोजबीन चालू कर दी है, जिन्होंने डैम का गेट तोड़ा. उन सभी पर वन्य प्राणी अधिनियम के तहत कार्यवाई करने के भी आदेश भी दे दिए गए हैं. साथ ही इस वक्त वन विभाग डेम के पानी को संरक्षित करने में भी जुट गया है.
स्टॉप डैम खाली होने की सूचना मिलते ही वन विभाग मौके पर पहुंचा और उसके सभी गेटों को बंद कर दिया, जिससे की डैम में दूबारा पानी इकट्ठा किया जा सके. बादलखोल अभ्यारण जंगलों के बीच बसा लुम्बालता नाले में ग्रामीणों और वन्य जीवों की समुचित व्यवस्था के लिए इस डेम का निर्माण किया था. इस डैम में कुछ नदी नालों से आने वाला पानी संरक्षित किया जाता है. डेम में पानी साल भर भरा रहता था, लेकिन बीते दिनों कुछ असामाजिक तत्वों ने मछली पकड़ने के निजी स्वार्थ के लिए डेम का गेट खोल दिया.
वन विभाग मामले की जांच में जुटा
इसके बाद डेम का पानी यूं ही व्यर्थ बहने लगा. हालाकिं घटना की जानकारी होते ही वन विभाग तत्काल हरकत में आया और दलबल के साथ मौके पर पहुंचा. विभाग के कर्मचारियों ने सबसे पहले डेम के सभी गेटों को बंद किया. वहीं अब वन विभाग उन असामाजिक तत्वों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कार्यवाई करने में भी जुट गया है. वन विभाग की टीम आस-पास के गांवों से भी जानकारी एकत्रित कर रहा है. वहीं मुखबिरों के माध्यम से भी जानकारी ली जा रही है. एसडीओ और रेंजर सहित वन विभाग के कर्मचारी मामले की जांच में जुटे हुए हैं.
इस मामले में नारायणपुर एसडीओ ने बताया कि घटना की जानकारी के बाद डैम के सभी गेटों को बंद कर पानी की निकासी रोका गया है. वहीं मामले की जांच और कार्रवाई के लिए विभाग ने जांच टीम गठित कर दी है. टीम गांव के जंगल किनारे बसे घरों में पूछताछ कर रही है. जिन्होंने भी डैम का गेट तोड़ा है, उन आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कड़ी कार्यवाई की जाएगी.