Chhattisgarh News: गर्मी शुरू होते ही मीठे व रसीले खरबूजे बाजार मे आने शुरू हो चुके है. 100 रुपये किलो से शुरू हुए खरबूजे अब 70 रूपये तक में बिकने लगे है. जशपुर जिले के कटंगतरई के किसान शुरूआती दौर मे खरबूजे की बेहतर कीमत पाकर अच्छी कमाई कर रहे हैं.
किसानों की मानें तो रसीले खरबूजों को देखकर आस-पास के लोगो के अलावा दूर दराज से भी मंडी में खरबूजा खरीदने वाले सैकडों की तादाद मे ग्राहक पहुंच रहे है. इस कारण किसानों को खरबूजा बेचकर बढ़िया मुनाफा मिल रहा है.
गर्मी अधिक होने से बढ़ जाती है खरबूजों की मिठास
कटंगतरई के किसान राम साय ने बताया कि गर्मी की प्रचंडता के साथ ही खरबूजों में मिठास और बढ जाती है. इस कारण इन दिनों यहा की मंडी में सुबह के दौरान खरबूजे पहुंचते ही ग्राहक उसे हाथों-हाथ खरीद रहे हैं. कटंगतरई के किसान खरबूजे की पैदावार अधिक मात्रा में करते है, उनके द्वारा लगाया गया खरबूजा कई राज्यो मे पहुंच रहा है.
इस कारण खरबूजों की डिमांड दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. बाजार में जगह-जगह रसीले खरबूजे बिकते दिखाई दे रहे है.
खरबूजे की पैदावार करने वाले किसानों में खुशी
खरबूजों के थोक व्यापारी ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष उम्मीद से अधिक खरबूजों की फसल बाजार में पहुंचेगी, जिसे बेचकर किसान हाथों-हाथ रुपये कमा लेंगे. उन्होने बताया कि शुरुआती सीजन के दौरान खरबूजे की कीमत 100 से 80 रुपये तक थी, परंतु खरबूजे के अधिक आवक के बाद यह कीमत 60 से 70 रुपये हो गई है.
इस कीमत को पाकर खरबूजे की पैदावार करने वाले किसान बेहद खुश है. उन्होने बताया कि यहां के खरबूजे में रस एवं मिठास अधिक रहने से ग्राहक इसे मंडी पहुंचते ही हाथों-हाथ खरीद लेते है. जिसके कारण किसानों को खरबूजे बेचने के लिए मंडी में ग्राहको का इंतजार नहीं करना पडता. उन्होंने बताया कि यहां के रसीले खरबूजे आस-पास के 50 से भी अधिक गांव व शहरो में पहुंचाए जाते है. उनका कहना था कि शहर मे रहने वाले लोग किसानों से खरबूजे खरीदकर उसे अपने दूर दराज रहने वाले रिश्तेदारो के यहां भी भेजते है.
राजधानी में बनाई पहचान
जशपुर के रसीले व मीठे खरबूजे क्षेत्र मे अपना नाम कमाने के बाद दूसरे शहर व राजधानी में भी मिठास घोल रहे है. बताया जाता है कि राजधानी रायपुर के बाजार मे पत्थलगांव के खरबूजे के नाम से एक अलग पहचान बनी हुई है. रायपुर की समता कॉलोनी मे रहने वाले रजत मित्तल ने बताया कि इन दिनों रायपुर की सब्जी मंडी में पत्थलगांव के खरबूजे की अनेक दुकाने सजी रहती है. जिसमे विक्रेता बकायदा पत्थलगांव के मीठे रसीले खरबूजे बताकर ग्राहकों को बेचने का काम करते हैं.
धान की फसल के बाद नहीं था कोई विकल्प
इन दिनों जशपुर जिले के कटंगतरई, तिलडेगा, दर्रापारा, जोराडोल, कुनकुरी के किसान अपने खेतोंं मे खीरा, ककडी, तरबूज व खरबूजों की खेती कर रहे है. कुनकुरी के किसान सोहन साय ने बताया कि मानसून के दौरान धान की फसल लेने के बाद उनके पास कमाई का कोई ओर जरिया नहीं बच पाता था, परंतु कुछ सालों में जब से उन्होंने खरबूजे की पैदावार करनी शुरू की है. उनकी आर्थिक स्थिती मे भी काफी सुधार आ गया. उनका कहना था कि गर्मी के दौरान खरबूजे की खेती कर अब ये अपनी आय को बढ़ा पा रहे हैं.
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