Jashpur News: जशपुर में दिवंगत बीजेपी नेता दिलीप सिंह जूदेव के बाद पुत्र प्रबल प्रताप सिंह ने घर वापसी का जिम्मा लिया है. पिता की मौत के बाद धर्मांतरित हिंदुओं की घर वापसी का प्रबल की अगुवाई में कल एक बड़ा कार्यक्रम हुआ. जिसमें 300 परिवार के 1200 से अधिक लोगों को फिर से हिंदू धर्म में वापस शामिल किया गया. हिंदू रीति-रिवाज के हिसाब से सभी की घर वापसी पांव धोकर की गई. जिले के पत्थलगांव स्थित खूंटापानी गांव में एक बड़े आयोजन के दौरान ऑपरेशन घर वापसी का कार्यक्रम किया गया.


इस आयोजन में जशपुर राजपरिवार के सदस्य प्रबल प्रताप सिंह के साथ रायगढ़ राजपरिवार के सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह समेत कई हिंदू संगठन के लोग मौजूद रहे. गौरतलब है कि घर वापसी के जनक बीजेपी के कद्दावर दिवंगत नेता दिलीप सिंह जूदेव की मृत्यु के बाद पुत्र प्रबल प्रताप सिंह का अब तक घर वापसी के किए गए कार्यक्रम में खूंटापानी वाले इस कार्यक्रम को एक बड़ा कार्यक्रम माना जा रहा है. ये बात खुद प्रबल प्रताप भी मान रहे हैं.  


प्रबल प्रताप सिंह ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि पिता की मृत्यु के बाद लगातार घर वापसी अभियान का आयोजन कर रहे हैं. उनके मुताबिक धर्मांतरण का कार्य पिछले कई वर्षों से जारी है. लेकिन कोरोना काल में समस्याओं का फायदा उठाकर मिशनरियों द्वारा काफी संख्या में लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया है. चूंकि कोरोना काल में हम लोग भी एक्टिव नहीं थे. इसलिए मिशनरियों ने सेवा के नाम पर सौदा कर लिया! उन्होंने बताया कि अब जनजाति परिवारों के साथ उच्च वर्ग के लोगों का भी धर्मांतरण कराया जा रहा है.  


घर वापसी अभियान के प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह ने धर्मांतरण मामले में कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़, पंजाब समेत जिन राज्यों मे कांगेस का प्रभाव है, वहां कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति के तहत धर्मांतरण को उद्योग का दर्जा दे दिया गया है. कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रबल प्रताप सिंह ने कहा कि उन्हें इटली से आदेश आता है और इटली मिशनरियों का केन्द्र है.  


प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि वो अब तक 10 हजार से अधिक धर्म परिवर्तन कर चुके हिंदू लोगों को उनकी इच्छा से घर वापसी करा चुके हैं. जिसमें छत्तीसगढ़, उड़ीसा समेत कई राज्य शामिल हैं. उन्होंने बताया कि गरीबी का फायदा उठाकर ये लोग धर्म का पाठ पढाकर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं.  लेकिन भारत विश्व का एक मात्र हिंदू राष्ट्र बचा है. हम सब की जिम्मेदारी है कि अपनी प्राचीन संस्कृति की रक्षा करें. उन्होंने धर्मांतरण को गुलाम बनाने वाली प्रकिया बताया है.  इतना ही नहीं प्रबल ने कहा कि हम लोग जान जोखिम में रहकर घर वापसी अभियान चला रहे हैं.  कई बार धमकियां भी मिलती हैं. लेकिन बिना डरे हम हम अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा कर रहे हैं. हिंदू धर्म  के सभी लोगों को ये करना चाहिए.  


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