Jashpur: छत्तीसगढ़ के सरगुजा और जशपुर जिले में हाथियों (Elephant) का आतंक (Terror) थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार हाथियों के आतंक से ग्रामीण दहशत के साए में जिंदगी बिताने को मजबूर है. इन दिनों सरगुजा के मैनपाट और लखनपुर इलाके में हाथी रहवासी क्षेत्र में घुसकर मकानों को अपना निशाना बना रहे है. वहीं जशपुर जिले में भी यही हालात हैं. तपकरा इलाके में हाथियों ने दर्जनों मकानो को क्षतिग्रस्त कर दिया है. वहीं सैकड़ों एकड़ की फसलों को नुकसान पहुंचाया है. पिछले एक हफ्ते से लगभग 35 हाथियों का दल तपकरा इलाके में उत्पात मचा रहा है.
35 हाथियों के दल ने मचाया आतंक
जशपुर के तपकरा वन परिक्षेत्र अंतर्गत कंदईबहार, साजबहर समेत उपरकछार इलाके में पिछले एक हफ्ते से लगभग 35 हाथियों का दल विचरण कर रहा है. बीते दो दिनों में लगभग 1 दर्जन घरों में हाथी ने तोडफोड़ किया है. वहीं किसानों के खेतों में लगे धान की फसल को बर्बाद कर दिया है. ग्रामीण हाथियों से खुद को सुरक्षित रखने के लिए रतजगा करने को मजबूर है. वहीं कभी कभी ऐसे हालात भी निर्मित हो रहे हैं कि ग्रामीणों को हाथियों से जान बचाकर भागना पड़ रहा है.
दहशत में जी रहे ग्रामीण
हाथियों से ग्रामीणों की सुरक्षा की बात करें तो हाथियों के आतंक के सामने वन अमला बेबस नजर आ रहा है. वन परिक्षेत्र में वनकर्मियों के असहयोग से ग्रामीण खासे परेशान हैं. वन विभाग द्वारा हाथी से सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं मिलने पर ग्रामीण आक्रोशित हैं. इधर वन अमला हाथी गश्ती दल के माध्यम से ग्रामीणों को लगातार जागरूक करके की बात कर रहा है.
इस मामले पर डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि अभी तपकरा रेंज और कुनकुरी विधानसभा में तीन रेंज हैं. तपकरा, दुलदुला और कुनकुरी. तीनों रेंज में मिलाकर लगभग 38 से 40 हाथी विचरण कर रहे है. दो दिन पहले ओडिशा से 7 हाथी का दल तपकरा में घुसा है. रात में ही हाई अलर्ट कर दिया गया. जो हाथी का दल ओडिशा से आया है वह सिंगीबहार बीट और सायरबहार बीट में कल रात में तीन घर को क्षति पहुंचाया है. हमारी टीम लगी हुई है. दो टीम रात में जाती है और एक टीम सुबह जाती है.
हमारी टीम द्वारा लगातार लोगों को सतर्क किया जा रहा है कि गांव और हाथी के बीच की दूरी बना रहे. कोई भी किसी प्रकार का जनहानि ना होने पाए. कभी कभी हाथी घर के नजदीक पहुंचता है, घर तोड़ देता है, तो उस समय घर खाली करवाकर उन्हे गांव से लाने का प्रयास जारी रहता है. अभी काफी मात्रा में लोग जागरूक हुए है. हाथियों द्वारा कुछ मात्रा में फसलों को नुकसान पहुंचाया गया है. हम क्षति का आकलन कर रहे हैं. 10 दिन के अंदर क्षति का भुगतान फसल मालिक के हाथ में पहुंच जाए ऐसा प्रयास किया जा रहा है.
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