Chhattisgarh: BJP नेताओं ने पहाड़ी कोरवा परिवारके सदस्यों से की मुलाकात, सीएम भूपेश बघेल पर साधा निशाना
Jashpur जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड में पहाड़ी कोरवा परिवार के चार सदस्यों के द्वारा सामूहिक आत्महत्या के मामले में बीजेपी लगातार प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेर रही है.
Jashpur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जशपुर (Jashpur) जिले में पहाड़ी कोरवा परिवार के सामूहिक आत्महत्या मामले की जांच के लिए शुक्रवार को प्रदेश बीजेपी का जांच दल झुमराडूमर गांव पहुंचा. बीजेपी (BJP) के जांच दल का नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल (Narayan Chandel) ने किया. जांच दल में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल और पूर्व मंत्री रामविचार नेताम (Ramvichar Netam) समेत अन्य 5 सदस्य शामिल थे.
उन्होंने मृतकों के परिवार से मिलकर मामले की जांच की. वहीं ग्रामीणों ने भी जांच दल के समक्ष अपनी समस्या रखी. जशपुर के झुमराडुमर गांव में पहाड़ी कोरवा दंपत्ति ने दो बच्चों के साथ पेड़ में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद बीजेपी ने 7 सदस्यीय जांच दल का गठन किया था. मामले की जांच कर प्रदेश बीजेपी की जांच टीम केंद्र सरकार और राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजेगी.
पीड़ित परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों से मुलाकात
जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड में पहाड़ी कोरवा परिवार के चार सदस्यों के द्वारा सामूहिक आत्महत्या के मामले में बीजेपी लगातार प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेर रही है. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के साथ बीजेपी नेता रामविचार नेताम ने झुमराडुमर गांव पंहुचकर पीड़ित परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों से मुलाकात की. बाजेपी नेताओं ने पहाड़ी कोरवा परिवार द्वारा आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठाने का कारण भूख और गरीबी को बताया. यहां गांव में राशन, सड़क, पानी समेत जाति और निवास प्रमाण पत्र जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधा.
बीजेपी नेताओं ने सीएम बघेल पर साधा निशाना
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि दो दिन पहले सीएम भूपेश बघेल जशपुर दौरे पर थे. इसके बावजूद उन्होंने न तो पहाड़ी कोरवा परिवार के प्रति कोई संवेदना व्यक्त की और न ही परिवार से मिलने पंहुचे. यही नहीं मुआवजे का भी कोई एलान नहीं किया. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल में सरकार को असंवेदनशील बताया. नेता प्रतिपक्ष के साथ जांच दल में पूर्व मंत्री रामविचार नेताम भी पंहुचे.
उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद बताया कि यहां कोरवा परिवारों के पास पट्टे की जमीन नहीं है. उनके जाति, निवास प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं. राशन के लिए उन्हें दस किलोमीटर जाना पड़ता है. ये लोग बहुत ही दयनीय स्थिति में जी रहे हैं.