Jashpur News: छत्तीसगढ़ के जशपुर में बेटे ने अपने ही पिता की हत्या कर दी. उसने अपने पिता को इसलिए मार दिया क्योंकि वह आए दिन शराब पीकर लड़ाई-झगड़ा करता था. इस बीच जब फिर से उसने झगड़ा किया तो बेटे ने गला दबाकर उसे मार डाला. वारदात को अंजाम देकर आरोपी झारखंड भाग गया था. मगर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.


चार फरवरी का है मामला 


दरअसल 4 फरवरी को पुलिस को सूचना मिली कि पत्थलगांव थानाक्षेत्र के केराकछार गोर्रापारा गांव में संदिग्ध हालत में रामप्रसाद पायलेट (42 वर्ष) की लाश पड़ी हुई है. जबकि एक दिन पहले तक वह सही था. उसके पड़ोसियों ने इस बात की जानकारी पुलिस को दी थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. साथ ही शव का पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा था. पुलिस को जांच में पता चला कि रामप्रसाद शराब तो पीता ही था इसके अलावा वो घर में झगड़ा भी करता था. इसलिए पुलिस ने उसके परिजनों से पूछताछ की थी.


पुलिस को जांच में क्या मिला?


पुलिस को जांच में पता चला कि रामप्रसाद के चलते उसका बेटा नीरज पायलेट (21 वर्ष) भी उसके साथ नहीं रहता है. नीरज अपनी मां को लेकर दूसरे घर में रहता है. रामप्रसाद अकेले ही घर पर रहता था. इस बीच पुलिस को पीएम रिपोर्ट भी मिल गई. जिसमें पुलिस को पता चला कि उसकी हत्या की गई है. रामप्रसाद को गला दबाकर मारा गया है. पीएम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने जांच और तेज की तो पता चला कि घटना के दिन से उसके बेटा नीरज गायब है. इसी पर पुलिस को नीरज पर शक हुआ. पुलिस ने नीरज की तलाश शुरू की. तलाश करने पर पुलिस को पता चला कि नीरज झारखंड के छतरपुर में है. इसके बाद पुलिस ने मौके पर दबिश देकर उसे हिरासत में ले लिया.


आरोपी बेटे ने कैसे की थी हत्या?


हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने नीरज से पूछताछ की तो उसने बताया कि 03 फरवरी की रात वो अपने पिता के घर गया था. उस दौरान भी उसके पिता ने शराब पी रखी थी. उसके घर पहुंचते ही फिर से वह झगड़ा करने लगा. नीरज ने बताया कि इस पर उसने अपने पिता को शांत कराने की कोशिश की. मगर वह नहीं माना, उल्टा गाली-गलौज करने लगा. इसलिए गुस्से में आकर मैंने गमछा निकाला और उसके गले को दबा दिया. जिससे उसकी मौत हो गई थी. 


पुलिस ने आरोपी पुत्र के खिलाफ की कार्रवाई


पुलिस ने आरोपी पुत्र को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ थाना पत्थलगांव में धारा 302 भा.द.वि. के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है. इसके पश्चात उसे न्यायालय में पेश किया गया है. न्यायालय के आदेश पर जेल दाखिल किया गया. इस कार्रवाई में निरीक्षक एन.एल. राठिया, सहायक उप निरीक्षक समृत मरावी, आरक्षक पवन पैंकरा, कमलेश वर्मा, मोरिस किस्पोट्टा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.


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