Jashpur News: जशपुर (Jashpur) के बगीचा में प्रसिद्ध संत गहिरा गुरू (Sant Gahira Guru) के बेटे गेंद बिहारी सिंह के साथ बगीचा एसडीओपी और दो आरक्षकों द्वारा मारपीट का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. गेंद बिहारी जशपुर जिले से बीजेपी (BJP) समर्थित जिला पंचायत सदस्य हैं. कुछ महीने बाद छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) हैं. ऐसे में बीजेपी आदिवासी बाहुल्य सरगुजा (Surguja) में इस बड़े मामले को कैश करने की पूरी कोशिश कर रही है.
बीजेपी के सभी आदिवासी नेता घटना की निंदा कर रहे हैं. पूर्व गृह मंत्री ने मौजूदा छत्तीसगढ़ सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. साथ ही मामले के विरोध में आज बीजेपी ने सरगुजा संभाग में बंद का अव्हान भी किया. वैसे जशपुर में बंद का व्यापक असर देखने को मिला है. साथ ही अन्य जिलों में बंद का मिला जुला असर देखने को मिला है. ये बंद आज सुबह 9-12 बजे तक था.
आतंकित कर रही है सरकार- रामसेवक पैकरा
छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री राम सेवक पैकरा ने मीडिया से कहा " आदिवासी और दुर्गम इलाकों में सांस्कृतिक समाजिक चेतना पैदा करने वाले प्रदेश के महान संत गहिरा गुरू के बेटे और जिला पंचायत सदस्य गेंद बिहारी सिंह के साथ बगीचा एसडीओपी शमशेर बहादुर सिंह,आरक्षक राजकुमार मनहर और संतोष उपाध्याय द्वारा मारपीट की गई है. इसकी मैं घोर निंदा करता हूं. पैकरा ने आगे कहा भूपेश बघेल सरकार सनातन द्रोहियों को संरक्षण दे रही है. सरकार भयदोहन की राजनीति कर रही है."
पैकरा बोले- सीएम वन मैन शो चलाना चाहते हैं
"उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार लगातार हिंदुओ का अपमान और सनातन संस्कृति को कुचलने का काम कर रही है. सरकार संप्रदायिक तुष्टिकरण कर रही है. भूपेस बघेल सरकार अपराध के जनक के रूप में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि अब ऐसे आतंकी और अपराधिक कृत्य में कांग्रेस ने पुलिस को भी शामिल कर लिया है." रामसेवक पैकरा ने सीधे मुख्यंमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम भूपेश बघेल वन मैन शो चलाना चाहते हैं. वो न केवल विरोधी दल के नेताओं का आतंकित कर रहे हैं. ब्लकि अपनी पार्टी के ही दूसरे गुट के नेताओं को भी आतंकित करना चाहते हैं.
ये थी घटना
दो दिन पहले मंगलवार को जशपुर के बगीचा ब्लाक स्थित दुर्गा पारा गांव में दो भाइयों में बोरिंग करवाने को लेकर विवाद हुआ था. इसमें एक पक्ष की तरफ से जिला पंचायत सदस्य गेंद बिहारी सिंह पहुंचे थे. उसी समय मामले की जांच करने पहुंचे एसडीओपी शमशेर बहादुर सिंह और उनके बीच किसी बात को लेकर कहा सुनी हो गई थी. इसके बाद एसडीओपी और उनके साथ गए दो आरक्षकों ने संत गहिरा गुरू के बेटे की पिटाई कर दी और उन्हें घसीटकर जीप से थाने लेकर चले गए. इसके बाद उनके समर्थक और गहिरा गुरू के अनुयायीयों के साथ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने एसडीओपी के खिलाफ एफआईआर की मांग को लेकर बगीचा में चका जाम कर दिया और थाने का घेराव किया. इस दौरान आंदेलनकारियो और पुलिस के बीच थोड़ी झड़प भी हुई थी.
इसके बाद ये बवाल देर शाम तक हुआ था. हालांकि फिर एसडीओपी को लाइन हाजिर और आरक्षकों को एसपी द्वारा सस्पेंड कर दिया गया. तब मामले थोड़ा बहुत शांत हो गया था. पर चुनाव की नजदीकियों के कारण बीजेपी इस मामले को पूरी तरह से कैश कराना चाहती है. लिहाजा बीजेपी से जुड़े संभाग के अधिकांश आदिवासी नेता इस मामले में अब फ्रंट फुट पर आकर खेल रहे हैं.