Jhiram naxal attack case: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरम नक्सली हमले की जांच को लेकर आज( 21 November) सुप्रीम कोर्ट में बड़ा फैसला हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए (NIA) के याचिका को खारिज कर दिया है. इसके बाद अब राज्य की पुलिस झीरम नक्सली हमले के पीछे षड्यंत्र की जांच कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि, आज रास्ता साफ हो गया है. अब छत्तीसगढ़ पुलिस इसकी जांच करेगी. किसने किसके साथ मिलकर क्या षड्यंत्र रचा था सब साफ हो जाएगा.
छत्तीसगढ़ पुलिस कर सकती है झीरम नक्सली हमले की जांच
दरअसल 2013 में चुनाव के पहले कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा चल रही थी. 25 मई को पार्टी के सभी बड़े नेता सुकमा से जगदलपुर लौट रहे थे. इसमें महेंद्र कर्मा, नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, उदय मुदलियार जैसे बड़े कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला हुआ. महेंद्र कर्मा और नंदकुमार पटेल को नक्सलियों ने बेरहमी से मार डाला. इस हमले के बाद पूरे देश में हड़कंप मंच गया था. क्योंकि चुनाव के ठीक पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के लगभग सभी शीर्ष नेताओं की हत्या हो गई. इस मामले में एनआईए जांच कर रही है. लेकिन कांग्रेस पार्टी लगातार ये आरोप लगा रही थी कि ये राजनीतिक षड्यंत्र है.
समय बीतता गया पर इस मामले में जांच आगे नहीं बढ़ी जब 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो नई बिंदुओं के साथ जांच के लिए एक SIT गठन किया गया. छत्तीसगढ़ पुलिस इस पर जांच करने के लिए एनआईए से फाइल मांगती रही लेकिन फाइल नहीं मिली और एनआईए पुलिस की जांच को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
एनआईए ने जानबूझकर नहीं की जांच- कांग्रेस
सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के पक्ष रखने वाले वकील सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि आज सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच ने एनआईए के उस अपील को खारिज कर दिया है. जिसमे छत्तीसगढ़ पुलिस के द्वारा झीरम मामले के बड़े षड्यंत्र की जांच के लिए एफआईआर दर्ज किया गया था. एनआईए का कहना था चूंकि मामले की जांच पहले हमने की है इसलिए छत्तीसगढ़ पुलिस इस जांच को नहीं कर सकती. इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार और अपीलकर्ता जितेंद्र मुदलियार उनका ये कहना था हमले के षड्यंत्र की जांच एनआईए ने जानबूझकर नहीं की है. इसलिए उन्हें फिर से जांच सौंपने का अर्थ नहीं होता. इस तर्क को सुनने के बाद कोर्ट ने एनआईए के अपील को खारिज कर दिया है और अब इस मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस जांच कर सकेगी.
दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था
कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा कि झीरम कांड पर सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाजा खोलने जैसा है. झीरम कांड दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था. इसमें हमने दिग्गज कांग्रेस नेताओं सहित 32 लोगों को खोया था. कहने को एनआईए ने इसकी जांच की, एक आयोग ने भी जांच की लेकिन इसके पीछे के वृहद राजनीतिक षड्यंत्र की जांच किसी ने नहीं की. छत्तीसगढ़ पुलिस ने जांच शुरू की तो एनआईए ने इसे रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. आज रास्ता साफ हो गया है. अब छत्तीसगढ़ पुलिस इसकी जांच करेगी. किसने किसके साथ मिलकर क्या षड्यंत्र रचा था सब साफ हो जाएगा.
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