Jhiram Ghati Attack: झीरम घाटी (Jhiram Ghati) नक्सली हमले की जांच कर रही  केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए की याचिका को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से एनआईए (NIA) की याचिका को खारिज करने के बाद अब इस नक्सली हमले की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस कर सकेगी. कोर्ट ने छत्तीसगढ़ पुलिस को मामले की जांच करने की इजाजत दे दी है. हमले के प्रत्यक्षदर्शी और कांग्रेस नेता मलकीत सिंह गैंदू, शिव सिंह ठाकुर और अन्य कांग्रेसी नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से आए इस फैसले का स्वागत किया गया है.


अब पुलिस इस जांच में प्रत्यक्षदर्शियों की मदद ले सकती है. इसके अलावा हमले के वक्त मौके पर मौजूद रहे मंत्री कवासी लखमा का बयान भी पुलिस जांच को आगे बढ़ाने  काफी सहायक सिध्द हो सकता है. दरअसल, सााल 2018 में भी प्रदेश सरकार ने इस हमले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया था, लेकिन साल भर बाद एसआईटी भंग भी कर दी गई थी. वहीं केंद्र की यूपीए सरकार ने इस हमले की जांच एनआईए को सौंपी थी. इसके बाद साल 2018 में भूपेश बघेल सरकार ने इस हमले की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी.


 कांग्रेस नेताओं ने किया SC के फैसले का स्वागत
इसके बाद एसआईटी की ओर से एनआईए से साल 2018 तक इस हमले में की गई जांच रिपोर्ट मांगी गई, लेकिन एनआईए ने जांच रिपोर्ट देने से मना कर दिया, जिसके बाद ये मामला  सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया. वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैंदू ने एक अच्छा निर्णय बताया और कहा कि इससे हमारे बलिदानियों को न्याय मिलेगा. उन्होंने कहा  कि इस हमले की जांच करते समय एनआईए ने उनका बयान भी लिया था.


उन्होंने कहा कि अब पुलिस इस हमले की जांच करेगी, तो वो जांच में सहयोग के लिए पूरी तरह तैयार हैं. बता दें कि 25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था. इस हमले में स्तर टाइगर  महेंद्र कर्मा, नंद कुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, उदय मुदलियार, योगेंद्र शर्मा समेत कुल 30 लोगों की जान चली गई थी.


Chhattisgarh News: छात्राओं ने बनाए इस उपकरण से रोक सकते हैं मूर्ति विसर्जन में होने वाले हादसे, लोगों से मिल रही शाबाशी