Chhattisgarh: कब सामने आएगा झीरम कांड सच, HC ने नए बिंदुओं के साथ गठित जांच आयोग पर लगाई रोक, सियासत शुरू
Jiram Case: झीरम कांड में अहम फैसला हुआ है. बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) कोर्ट ने राज्य सरकार की तरफ से बनाई गई जांच कमेटी पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है.
Bilaspur High Court Jiram Ghati Naxal Attack: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के चर्चित झीरम कांड (Jiram Case) को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) में अहम फैसला हुआ है. कोर्ट ने राज्य सरकार की तरफ से बनाई गई जांच कमेटी पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है. इस पर अब बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) में बहस छिड़ गई है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (Dharamlal Kaushik) की याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है. अब कांग्रेस ने बीजेपी पर झीरम जांच में अड़ंगा डालने का आरोप लगाया है. दरअसल, झीरम कांड पर जस्टिस प्रशांत मिश्रा (Justice Prashant Mishra) ने एक रिपोर्ट बनाई है. इसका प्रतिवेदन विधानसभा में पेश किया जाना था लेकिन इसके बजाय राज्य सरकार ने झीरम जांच पर षड्यंत्र को लेकर जांच के नए बिंदुओं के साथ जांच फिर से शुरू करवाई है. इसके खिलाफ बीजेपी ने हाईकोर्ट को दरवाजा खटखटाया था. इसी पर बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस आरसीएस सामंत ने जांच पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी.
झीराम का सच कौन छिपाना चाहता है
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब बीजेपी और कांग्रेस आपस में भिड़ गए हैं. धरमालाल कौशिक ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जस्टिस प्रशांत मिश्रा की तरफ से जांच की गई है उसका प्रतिवेदन आ गया है. अब सरकार की जवाबदारी है कि उस प्रतिवेदन को विधानसभा में प्रस्तुत करें जांच के लिए इतना प्रयास हुआ, इतना समय लगा तो उसमें आखिर है क्या? ये छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है. लेकिन सरकार ने आनन फानन में दूसरा जांच आयोग बना दिया. इस जांच से छत्तीसगढ़ की सरकार घबराई हुई है.
कांग्रेस ने कहा बीजेपी क्यों झीरम के आरोपियों को बचाना चाहती है
इधर,कांग्रेस ने कोर्ट के फैसले पर कहा है कि आयोग के गठन के खिलाफ कोई फैसला नहीं है. अगली सुनवाई पर सरकारी वकील आयोग गठन के पक्ष में अपना दलील प्रस्तुत करेंगे. हमें पूरा भरोसा है झीरम की जांच होगी और झीरम का सच भी सामने आएगा. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी नहीं चाहती है की झीरम का सच सामने आए. इसलिए बीजेपी लागातार झीरम के जांच में अड़ेंगाबाजी करती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी क्यों डर रही है, बीजेपी क्यों झीरम के आरोपियों को बचाना चाहती है. तत्कालीन सरकार के ऐसे कौन लोग थे जिनके हाथ हमारे नेताओं के खून से रंगे हैं.
कितना अहम झीरम का सच
गौरतलब है कि, साल 2013 में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में झीरम घाटी पर नक्सलियों ने हमला किया था. इस हमले में तत्कालीन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल और उनके बेटे सहित कांग्रेस के बड़े नेताओं की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. इस पूरे हमले में 29 लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद इस मामले में राजनीतिक षड्यंत्र की जांच की मांग हुई तो, एनआईए से जांच कराई गई. लेकिन कई साल बाद भी रिपोर्ट सामने नहीं आई इसके बाद राज्य में कांग्रेस सरकार बनी तो सीएम भूपेश बघेल ने एसआईटी का गठन किया लेकिन एनआईए ने जांच की फाइल नहीं सौंपी इसके चलते जांच नहीं हो पाई.
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