Chhattisgarh Tourism: कांगेर घाटी नेशनल पार्क में रिवर राफ्टिंग के साथ कयाकिंग की हुई शुरुआत, पर्यटक उठा सकेंगे लुत्फ
Chhattisgarh: कांगेर घाटी नेशनल पार्क नेशनल पार्क के संचालक ने बताया कि पर्यटकों को अब रोमांच के साथ कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के प्रकृति और जैव- विविधता को देखने का मौका मिलेगा.
Chhattisgarh Tourism News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) घूमने वाले वाले पर्यटकों के लिए एक अच्छी खबर है. कांगेर घाटी नेशनल पार्क (Kanger Valley National Park) के धुड़मारास में पर्यटकों के मनोरंजन को ध्यान में रखते हुए रिवर राफ्टिंग (River Rafting) के बाद अब यहां कयाकिंग (Kayaking) की भी शुरुआत की गई है. रविवार को खुद नेशनल पार्क के डायरेक्टर और वन विभाग के अधिकारियों ने कांगेर नदी में कयाकिंग का लुत्फ उठाया.
दरअसल कांगेर घाटी नेशनल पार्क से लगे धुड़मारास में इको -विकास समिति ने कयाकिंग की शुरुआत की है, जिससे बस्तर आने वाले पर्यटकों को एक नया रोमांच का अनुभव मिलेगा.कांगेर घाटी नेशनल पार्क के संचालक गणवीर धम्मशील ने बताया कि कांगेर वैली नेशनल पार्क के अंतर्गत ही धुड़मारास से लगी कांगेर नदी में गांव की इको विकास समिति के माध्यम से कयाकिंग का संचालन किया जा रहा है. कयाकिंग का लुत्फ उठाने के लिए पर्यटकों को दरभा रोड से पैदावाड़ा बेरियर होते हुए धुड़मारास पहुंचना होगा.
रोमांचक होगा कांगेर नदी में कयाकिंग का सफर
ईको -विकास समिति ने कयाकिंग एडवंचर्स के लिए प्रति व्यक्ति 100 रुपये का शुल्क निर्धारित कर रखा है, जहां पर्यटक कयाकिंग का लुत्फ उठा सकेंगे. नेशनल पार्क के संचालक ने बताया कि पर्यटकों को अब रोमांच के साथ कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के प्रकृति और जैव- विविधता को देखने का मौका मिलेगा. साथ ही पर्यटकों के रुकने के लिए स्थानीय युवाओं के द्वारा होम स्टे का भी संचालन भी किया जा है. यहां पर्यटक बस्तरिया व्यंजन के साथ-साथ बस्तर के आदिवासी कल्चर का भी लुफ्त उठा सकेंगे. साथ ही ठहरने के लिए बनाए आदिवासी हर्ट्स में रह सकेंगे. संचालक ने बताया कि बस्तर के ईको -पर्यटन में कयाकिंग का अनुभव एक नया आयाम जोड़ेगा. इसका संचालन ग्रामीण युवाओं के द्वारा किया जाएगा. इससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा.
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