Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ का फेमस नेशनल पार्क वर्ल्ड हेरिटेज में हो सकता है शामिल, जनवरी में आएगी UNESCO की टीम
UNESCO World Heritage: पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखकर पार्क के भीतर ही होमस्टे बनाया गया है. इसके अलावा, कांगेर झील में कयाकिंग की शुरुआत की गई है.
Kanger Valley National Park: छत्तीसगढ़ के बस्तर में मौजूद कांगेर वैली नेशनल पार्क को यूनेस्को की धरोहर की सूची में शामिल किया जाने वाला है. इसके लिए कांगेर वैली पार्क प्रबंधन की ओर से प्रस्ताव भेजा गया है. उम्मीद है कि नए साल में यूनेस्को की टीम पार्क का अवलोकन करने कांगेर वैली पार्क आ सकती है. टीम पार्क की ओर से भेजे गए दस्तावेजों की सूची का मौके पर सत्यापन कर अपनी रिपोर्ट सबमिट करेगी. दरअसल, 200 वर्ग किलोमीटर के घने जगंलों में फैला नेशनल पार्क बस्तर घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र होता है.
खास बात यह है कि हर साल एक लाख से ज्यादा पर्यटक कांगेर वैली नेशनल पार्क में मौजूद कुटुमसर गुफा, कैलाश गुफा, दंडक गुफा, मादरकोंटा गुफा, देवगिरी सिद्ध गुफा, जैसी प्रसिद्ध नैसर्गिक गुफाओं को देखने के साथ ही यहां मौजूद कांगेर वॉटरफॉल और जल जंगल जमीन की प्रकृति और संस्कृति की जैव विविधता से भरपूर इस पार्क को देखने पहुंचते हैं. यही वजह है कि इस नेशनल पार्क को यूनेस्को की धरोहर की सूची में शामिल करने के लिए पार्क प्रबंधन के द्वारा प्रस्ताव भेजा गया है.
जनवरी में सत्यापन के लिए आएगी यूनेस्को की टीम
कांगेर घाटी नेशनल पार्क के संचालक गणवीर धम्मशील का कहना है कि 2024 की जनवरी माह में यूनेस्को की टीम के आने के मद्देनजर इस पार्क में सब कुछ अपडेट किया जा रहा है. नए साल मनाने निकलने वाले सैलानियों की सेवा, सुविधा के लिए पार्क ने अपनी अधिकृत वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन बुकिंग भी शुरू कर दी है. खास बात यह है कि पार्क भ्रमण के लिए पिछले साल की तुलना में जंगल सफारी वाहनों की संख्या भी दोगुनी कर दी गई है. वर्तमान में इन वाहनों की संख्या 46 है. खास बात यह है कि नवंबर महीने से ही बड़ी संख्या में पर्यटक कांगेर वैली नेशनल पार्क में घूमने पहुंच रहे हैं.
पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखकर पार्क के भीतर ही होमस्टे बनाया गया है. इसके अलावा, कांगेर झील में कयाकिंग की शुरुआत की गई है. वहीं, करीब 300 करोड़ साल पुरानी नैसर्गिक गुफाओं का पर्यटक जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना के संवर्धन और संरक्षण के लिए भी इसी साल पार्क में व्यवस्था की गई है. इसके तहत अब आसानी से पर्यटक यहां राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना को देख पा रहे हैं. पार्क के डायरेक्टर धम्मशील ने कहा कि यूनेस्को की वैश्विक धरोहर में कांगेर वैली नेशनल पार्क शामिल होने से यह बस्तर के साथ-साथ पूरे प्रदेश और भारत के लिए भी गर्व का विषय होगा. इस वजह से पार्क को पूरी तरह से अपडेट किया जा रहा है. नए साल जनवरी में यूनेस्को की टीम इस पार्क का अवलोकन करने आ सकती है.
नए साल में वैश्विक धरोहर में शामिल होने की उम्मीद
इधर छत्तीसगढ़ के मुख्य प्रधान वन संरक्षक कार्यालय रायपुर की ओर से आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया दिल्ली के महानिदेशक ने पार्क का अवलोकन कर उन दस्तावेजों की सूची भेजी है जो वैश्विक धरोहर के सूची में शामिल करवाने के लिए जरूरी होती है. मुख्य प्रधान वन संरक्षक की ओर से दस्तावेजों के आधार पर अगली कार्रवाई का आग्रह किया गया है. उम्मीद है कि जल्द ही कांगेर वैली नेशनल पार्क यूनेस्को के वैश्विक धरोहर की सूची में शामिल होगी.