Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में कनहर नदी के एनीकट के दरवाजे से लगातार हो रहे पानी रिसाव से अब एनीकट का जल स्तर न सिर्फ घटने लगा, बल्कि सूखने के कगार पर पहुंच गई. एनीकट से पानी रिसाव की समस्या लंबे समय से है, लेकिन मरम्मत के नाम पर आज तक किसी प्रकार की पहल नहीं की गई. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की एक लापरवाही से एनीकट का पानी पूरी तरीके से सूख सकता है. ऐसे में अब रामानुजगंज नगर वासियों को गर्मी के दिनों में पेयजल संकट गहराने की चिंता सताने लगी है.
बता दें कि क्षेत्र के लोगों का प्रमुख जल स्त्रोत कनहर नदी है. नदी के पानी का खेती किसानी से लेकर निस्तार और पेयजल के लिए उपयोग होता है, परंतु एनीकट से लगातार रिसाव होने से जल स्तर कम होने लगा है. स्थानीय से लेकर बाहरी लोग कनहर नदी के निकट में स्नान करते हैं. वहीं गर्मी के दिनों में आने वाली नए-नए प्रवासी पक्षी, पशुओं का पीने का पानी का मुख्य स्रोत कनहर नदी है. इसके बाजवूद अधिकारियों की अनदेखी के कारण आज तक एनीकट से हो रहे रिसाव को बंद करने की किसी प्रकार की पहल नहीं हो सकी.
पिछले दिनों इस मामले को पूरजोर तरीके से उठाया गया था. जिसमें रामानुजगंज के अनुविभागीय अधिकारी गौतम सिंह ने विभाग को पत्र लिखकर सारी समस्याओं से अवगत कराते हुए एनीकट के लिकेज हो रहे पानी को रोकने के लिए जल्द से जल्द सुधार करने की बात कही थी. जल संसाधन विभाग के लापरवाह अधिकारी ने अनुविभागीय अधिकारी और सामान्य प्रशासन की भी अनदेखी की, जिससे अब एनीकट से हो रहे रिसाव के कारण कनहर नदी का जल स्तर कम होने से एनीकट सुखने के कगार पर पहुंच गई है. राज्य सरकार ने एनीकट निर्माण इसलिए कराया था कि क्षेत्र के लोगों को साल भर पानी मिलता रहे, लेकिन अधिकारियों ने सरकार की मंशा पर ही पानी फेर दिया. विभाग का नारा है कि जल ही जीवन है, लेकिन खुद ही इस पर अमल नहीं कर रहे हैं.
पशु पक्षियों के लिए संकट
कनहर नदी का जल स्रोत पूरी तरीके से सूखने लगा है. ऐसे में लोगों को यह चिंता सताने लगी है कि जो पशु-पक्षी कनहर नदी के जल पर निर्भर हैं उनके लिए पानी की समस्या हो सकती है. अभी गर्मी की शुरूआत है और पूरा गर्मी का मौसम बचा हुआ है. ऐसे में भीषण गर्मी में पानी मिलना भी मुश्किल हो सकता है.
करोड़ों की लागत से हुआ है निर्माण
रामानुजगंज नगर वासियों को पेयजल की समस्या का सामना न करना पड़े, इसे लेकर कुछ साल पहले कनहर नदी में 9 करोड़ की लागत से एनीकट का निर्माण कराया गया था. एनीकट के बन जाने से कुछ साल तक पेयजल की समस्या नहीं हुई, लेकिन अब पानी रिसाव होने की समस्या शुरू हो गई है. हैरानी की बात यह है कि एनीकट को बिना खोले ही पानी बह जाने के बावजूद आज तक इसकी मरम्मत नहीं हो सकी, जिससे इस वर्ष भी नगर वासियों को पेयजल की समस्या से निजात मिलता नजर नहीं आ रहा. एसडीएम गौतम सिंह ने बताया कि एनीकट से पानी रिसाव होने की जानकारी लगने पर पहले डब्लूआईडी को पत्र लिखा गया था और जल्द ही एनीकट गेट की मरम्मत कराने की बात कही गई थी. उन्होंने इसे लेकर अब फिर अधिकारियों से चर्चा करने की बात कही.
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