(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
भालुओं का शहर बना Chhattisgarh का ये जिला, डर से घरों में दुबके लोग, राशन के लिए दरवाजा तोड़ रहे भालू
Kanker: थाना प्रभारी ने बताया, इन 3 भालूओं में एक रिहायशी इलाके में सड़क के बीचो बीच से गुजर रहा था. भालू अभी भी शहर में ही मौजूद हैं और खाली जमीन के झील में छुपे हुए हैं.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कांकेर (Kanker) जिले में वन्य जीवों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. अब कांकेर शहर में ही लगातार बड़ी संख्या में तेंदुआ और भालू देखे जा रहे हैं. सोमवार को भी कांकेर शहर के आमापारा वार्ड में तीन भालू घूमते नजर आए, जिनमें से एक भालू बकायदा शहर के बीच सड़क को पार करते दिखाई दिया. हालांकि इन भालुओं ने किसी को नुकसान तो नहीं पहुंचाया, लेकिन कांकेर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ अब शहरों में भी बड़ी संख्या में भालुओं के दिखने से लोगों में डर का माहौल बना हुआ है. बताया जा रहा है कि भालू ने दसपुर में राशन दुकान का दरवाजा तोड़ दिया और दुकान के अंदर रखे गुड़ और शक्कर को चट कर नमक को बिखेर दिया. राशन दुकान संचालक ने पहले चोरी का शक जताया था, लेकिन ग्रामीणों ने दुकान के दरवाजे को भालू द्वारा तोड़ना बताया.
घरों के अंदर दुबके लोग
कांकेर कोतवाली थाना प्रभारी ने बताया कि, सोमवार को सुबह कांकेर शहर के आमापारा वार्ड में तीन भालू देखे गए जो वार्ड के गलियों में घूम रहे थे. हालांकि भालू ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया लेकिन वार्ड में खुलेआम भालू के घूमने से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और सभी अपने-अपने घरों के अंदर दुबक गए. थाना प्रभारी ने बताया कि इन 3 भालूओं में एक भालू रिहायशी इलाके में सड़क के बीचो बीच से गुजर रहा था. हालांकि भालू अभी भी शहर में ही मौजूद है और खाली जमीन के झील में अभी भी छुपे हुए हैं.
छत्तीसगढ़ में #kanker बना भालुओं का शहर, खाना नहीं मिला तो रिहायशी इलाक़ो में पहुँच राशन दुकान का दरवाजा तोड़ खाया गुड़ और शक्कर..@AdityaRajKaul @gyanendrat1 @Ravimiri1 @World_Wildlife @ForestCgGov @the_viralvideos @chitraaum #chattisgarh pic.twitter.com/SLvNKox1WZ
— Ashok Naidu (ABP News) (@Ashok_Naidu_) October 31, 2022
वन विभाग की लापरवाही
वहीं शहर में बढ़ती भालुओं की संख्या यहां के लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है लेकिन वन विभाग भालू को रिहायशी बस्ती में आने से रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाता नजर नहीं आ रहा है. दरअसल शहर में भालुओं का पहुंचना अब आम बात हो गई है लेकिन बड़ी संख्या में भालुओं के शहर पहुंचने से लोगों में उनके हमले से बड़ा हादसा होने का भी डर बना हुआ है. बावजूद इसके वन विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है और ना ही भालुओं को रिहायशी बस्ती में आने से विभाग रोक पा रहा है. हालांकि वन विभाग ने भालुओं के आतंक को देखते हुए जांमवत परियोजना के तहत भालू का आवास क्षेत्र बनाया था लेकिन यहां भी भालू के लिए पर्याप्त भोजन नहीं मिलने से भालू अब शहर में रिहायशी बस्ती की ओर रुख कर रहे हैं और सीधे लोगों के दुकानों में धावा बोलकर उनके राशन चट कर जा रहे हैं.