Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में लगातार खुल रहे नये पुलिस कैंप से नक्सली पूरी तरह से बौखलाए हुए हैं, इन नये कैंपों में बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती भी की जा रही है, जिसके चलते अब इंटेलिजेंस से यह भी जानकारी मिल रही है कि नक्सली इन नये पुलिस कैंपों को निशाना बनाने के फिराक में हैं. बीते गुरुवार देर रात भी कांकेर जिले के ताढ़ोकी इलाके में मौजूद पुलिस कैंप के कुछ ही दूरी पर नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर देर रात करीब 1 बजे जवानों के द्वारा ऑपरेशन चलाया गया.


पहले से घात लगाए बैठे नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी. डीआरजी और एसएसबी के जवानों की संयुक्त टीम के साथ नक्सलियों की करीब 1 घंटे तक मुठभेड़ हुई और इस दौरान दोनों ही ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग हुई. बताया जा रहा है कि इस दौरान 500 से 600 राउंड गोलियां चली. 1 घंटे के बाद फायरिंग बंद हो गई, हालांकि जवान मौके पर ही बने रहे, और सुबह होने के साथ ही मुठभेड़ स्थल में सर्चिंग की गई, हालांकि मौके से नक्सली भाग चुके थे, लेकिन जवानों के बताये अनुसार मौके पर खून के धब्बे और नक्सलियों की दैनिक उपयोगी सामान भी मिली, साथ ही घसीटने के निशान भी मिले. जवानों ने नक्सलियों के मारे जाने की बात भी कही है, हालांकि बस्तर आईजी पी सुंदरराज द्वारा इस मुठभेड़ में किसी भी नक्सली का शव बरामद नहीं होने की बात कही है, लेकिन आईजी ने भी दावा किया है कि पुलिस की ओर से चले गोलीबारी से नक्सलियों को काफी नुकसान हुआ है और बड़ी संख्या में नक्सली घायल भी हुए हैं. 


नक़्सलियों के घायल होने के साक्ष्य मिले





बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने बताया कि जवानों के बताए अनुसार नक्सली पूरी तरह से अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे, ऐसे में माना जा रहा है कि नक्सलियों की कंपनी नंबर 5 के साथ जवानों की मुठभेड़ हुई है और इसमें नक्सली कमांडर राजू सलाम के मौजूदगी की भी जानकरी मिली है,  इससे पहले भी नक्सली इस इलाके में जवानों को निशाना बनाने इस तरह के वारदात को अंजाम दे चुके हैं और इस बार भी इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी से अंदाजा लगाया जा रहा है कि नक्सली पुलिस कैंप को ही निशाना बनाने के फिराक में थे, हालांकि जवानों की जवाबी कार्रवाई से नक्सली भाग खड़े हुए वही इस मुठभेड़ में जवानों को किसी तरह का  कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.


फोर्स को नुकसान पहुंचाने के फिराक में नक्सली 


गौरतलब है कि फरवरी के अंत से ही नक्सली पूरे बस्तर संभाग में सक्रिय हो जाते हैं और गर्मी के दिनों में पुलिस फोर्स को बड़ा नुकसान पहुंचाने की फिराक में रहते हैं, वही जिस तरह से बस्तर संभाग में पिछले 2 सालों से घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नए पुलिस कैंप खोले जा रहे हैं ऐसे में नक्सली इन कैंपों को ही निशाना बनाने की फिराक में है, ऐसे में बस्तर पुलिस  के अधिकारी  भी पहले से ही फोर्स द्वारा सतर्कता बरतने की बात कह रहे हैं. 


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