Kanker News:  छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कांकेर (Kanker) जिले के कापसी फारेस्ट एरिया में जिंदा पेंगोलिन (Pengolin) की तस्करी का मामला सामने आया है. वन विभाग (Forest Department) की टीम ने महाराष्ट्र के तीन लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया है. जब्त पेंगोलिन का वजन करीब 11 किलो 500 ग्राम है. बाजार में इसकी कीमत 15 लाख रुपए है. वन विभाग ने तस्करी में इस्तेमाल मोटरसाइकिल को भी जब्त कर लिया है.


वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर कापसी फारेस्ट एरिया में  पेंगोलिन कि तस्करी कर रहे 3 तस्करों को पकड़ा गया, और इनके पास से जिंदा पेंगोलिन जब्त किया गया. तीनों आरोपी दलसु देवसाई कोवा, अशोक धसरू कोटावी, नरेश बालाजी मेश्राम गढ़चिरौली महाराष्ट्र के रहने वाले हैं.तस्करों ने बताया कि वह पैंगोलिन को पकड़कर इसे बेचने के फिराक में थे. इसकी अनुमानित कीमत लगभग 15 लाख रुपए है. पेंगोलिन का मेडिकल टेस्ट कराया गया और फिर उसे वन्य इलाके में छोड़ दिया गया. 


दुर्लभ प्रजाति के भी पाए जाते हैं वन्य जीव
कांकेर जिला का कापसी इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ है और बड़ी संख्या में यहां वन्य जीव मौजूद हैं. साथ ही दुर्लभ प्रजाति के भी वन्य जीव यहां पाए जाते हैं, महाराष्ट्र का गढ़चिरौली और छत्तीसगढ़ का कांकेर जिला सीमावर्ती इलाका है इस वजह से महाराष्ट्र के तस्करों की छत्तीसगढ़ के जंगलों में नजर रहती है. मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध लोग जंगलों में देखे गए हैं और उनके पास एक बोरी में कुछ संदिग्ध चीज देखा गया है, जिसके बाद विभाग की उड़नदस्ता टीम ने घेराबंदी कर बाइक पर सवार तीन युवकों को धर दबोचा, उनके पास तलाशी के दौरान बोरी से दुर्लभ प्रजाति की पैंगोलिन को जब्त किया गया.


पैंगोलिन की खाल से बनती है दवाई
यह पैंगोलिन करीब 11 किलो 500 ग्राम वजन है, जिसकी अनुमानित कीमत 15 लाख रुपए है, पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि यह महाराष्ट्र के एक इलाके में पैंगोलिन की तस्करी करने वाले थे और 15 लाख  में डील हुई थी, लेकिन विभाग की टीम ने पहले ही आरोपियों को पकड़ लिया, वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि पैंगोलिन की खाल और मांस दवाई बनाने में उपयोग की जाती है और चीन में इसकी काफी डिमांड रहती है. 


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