Kanker Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में मंगलवार को हुए पुलिस नक्सली मुठभेड़ में मारे गए सभी 29 नक्सलियों के शवो को कांकेर जिला मुख्यालय लाया गया है. हालांकि अभी भी मारे गए नक्सलियों की शिनाख्ती की कार्रवाई जारी है. वहीं अब तक 3 नक्सलियों की शिनाख्ती हो गई है. जिसमें 25 लाख रुपए का इनामी नक्सली शंकर राव, 8 लाख की ईनामी महिला नक्सली डिप्टी कमांडर ललिता और डिप्टी कमांडर माधवी शामिल है. अन्य मारे गए नक्सलियों की शिनाख्त की जा रही है.


मारे गए सभी नक्सली वर्दीधारी
यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में मुठभेड़ में नक्सलियों को मार गिराया गया है और माओवादी संगठन को इतना बड़ा झटका दिया गया है. मुठभेड़ में मारे गए सभी नक्सली वर्दीधारी है और उनके पास से हथियार भी बरामद हुए है. प्रारंभिक जांच में पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि मारे गए सभी नक्सली PLGA के सदस्य हैं, जो माओवादी संगठन में लड़ाकू नक्सली के रूप में जाने जाते हैं इनके पास से जिस तरह के बंदूके मिले हैं इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि सभी नक्सली हार्डकोर नक्सली हैं. लोकसभा चुनाव से पहले इस मुठभेड़ को बस्तर पुलिस काफी बड़ी सफलता मान रही है. बीएसएफ,  DRG और स्थानीय पुलिस के जवानों को संयुक्त ऑपरेशन में इस साल की सबसे बड़ी सफलता हाथ लगी है.


नक्सलियों के सबसे सेफ जोन में जवानों ने दी दबिश
बीएसएफ के डीआईजी आलोक कुमार सिंह ने बताया कि पिछले कई दिनों से छोटे बेठिया के बिनागुंडा और कोरोनार के इलाके में नक्सलियों के मूवमेंट की जानकारी मिल रही थी. उसके बाद बीएसएफ और कांकेर पुलिस  उन्हें घेरने के लिए लगातार प्लान बना रही थी. मंगलवार की सुबह खापाटोला के जंगलों की ओर नक्सलियों के मूव करने की जानकारी लगी. हालांकि नक्सलियों को भी अपने गुप्तचरों से पता चल गया कि फोर्स उन्हें घेरने वाली है. लेकिन जैसे ही नक्सली अपने आप को सेफ़ करने के लिए बिखर गए जवानों ने चारों ओर से नक्सलियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी.


मुठभेड़ से पहले बीएसएफ की एक टीम को इंस्पेक्टर रमेश चौधरी लीड कर रहे थे, उन्हें नक्सलियों की ओर से की गई फायरिंग में पैर में गोली लगी और वह घायल हो गए. इसके बाद नक्सली ऊंची पहाड़ी की ओर भागने लगे और यहां भी जब पुलिस के जवानों ने उन्हें घेरा तो इस दौरान भी 2 पुलिसकर्मी घायल हो गए. डीआईजी ने बताया कि काफी कम कैजुअल्टी के बाद भी जवानों ने अपने बहादुरी का परिचय देते हुए 29 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया. डीआईजी ने दावा किया है कि इस मुठभेड़ में कई नक्सली घायल भी हुए हैं जो भाग निकलने में कामयाब हो गए. नक्सलियो को घेरने के लिए जो रणनीति बनाई गई थी वह पूरी तरह से सफल हुई और यही वजह रही कि नक्सलियों को इतना बड़ा नुकसान हुआ.


चुनाव के दौरान जवानों को नुकसान पहुंचाने की फिराक में थे नक्सली
खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर लोकसभा सीट में 19 अप्रैल और कांकेर लोकसभा सीट में 26 अप्रैल को मतदान होना है. नक्सली हमेशा से ही चुनाव का बहिष्कार करते आ रहे हैं.ऐसे में छोटे बेठिया इलाके में नक्सली एक बार फिर से मतदान के दौरान बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में थे, लेकिन नक्सलियो के मंसूबो पर सीमा सुरक्षा बल के जवानों और डीआरजी के जवानों ने पानी फेर दिया.


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