Kanker News: छत्तीसगढ़ में वन्यजीवों का गढ़ कहे जाने वाले कांकेर जिले में भालू के बाद अब शहरी क्षेत्र में तेंदुआ दिखे जाने से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है, पिछले कुछ दिनों से तेंदुआ शहरी क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है जिससे अब दिन और रात में लोगो का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. 


कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में मंगलवार को भी सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों ने एक पेड़ पर तेंदुआ को बैठे हुए देखा और इसकी वीडियो भी बनाई, बताया जा रहा है कि अभी भी तेंदुआ पेड़ पर चढ़ा हुआ है.


जानकारी मिलने के बाद तुरंत वन विभाग की टीम और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई है साथ ही जाल बिछाकर तेंदुआ को पकड़ने की कोशिश में लग गई है, वहीं आसपास के इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है.


इधर रिहायशी इलाके में तेंदुआ दिखे जाने से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है. दरअसल पिछले कुछ सालों से लगातार कांकेर जिले के अलग अलग शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदुआ देखा जा रहा है, बीते साल ही नेशनल हाईवे-30 पर  एक पेड़ पर बैठे तेंदुआ को देखे जाने के साथ ही कांकेर शहर से लगे एक घर के अंदर भोजन की तलाश में तेंदुआ घुस गया था. इधर लगातार शहरी क्षेत्रों में तेंदुआ देखे जाने से शाम होते ही कर्फ्यू जैसे हालात बन रहे हैं.


रिहायशी इलाके में पेड़ में चढ़ा तेंदुआ


कांकेर शहरवासियों और भानुप्रतापपुर के लोगो से   मिली जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से लगातार तेंदुआ का आतंक बढ़ गया है, रिहायशी  इलाकों के साथ-साथ आसपास के जंगलों में लगातार तेंदुआ देखा जा रहा है,कई बार तेंदुआ ने लोगों पर हमले भी किए हैं, मंगलवार को भी  कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में बस स्टैंड के पीछे रिहायसी  इलाके संतोषी नगर में एक तेंदुआ को देखा गया, तेंदुआ पेड़ पर चढ़ गया है. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम लगातार रेस्क्यू कर रही है.


तेंदुआ को देख इलाके में दहशत का  माहौल बना हुआ है, इसके साथ ही  इलाके में बड़ी संख्या में मौके पर स्थानीय पुलिस बल भी तैनात किया गया है.


कांकेर जिले वासियो में दहशत का माहौल


 इधर स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह शाम और रात में भी अब शहरी क्षेत्रों में तेंदुआ और भालूओ के  झुंड देखे जाने से लोग अपने घरों से बाहर निकलने से डरते हैं, वही पालतू मवेशियों का तेंदुए के द्वारा शिकार का खतरा भी बना रहता है.


उन्होंने कहा कि वन विभाग से कई बार कहने के बावजूद भी इन वन्यजीवों के लिए कोई फॉरेस्ट एरिया चिन्हाकित नहीं किया गया है, जिसके चलते पानी और भोजन की तलाश में अब तेंदुआ और भालू बस्ती की ओर बढ़ रहे हैं, और आए दिन आसपास के इलाकों में देखे जा रहे हैं, जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है.


भालुओं  के हमले की वजह से कई ग्रामीण बुरी तरह से घायल भी हुए हैं, लेकिन वन विभाग इससे कोई सबक नहीं ले रहा है, जिसके चलते अब तेंदुआ दिखने से भी लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है और सुबह और रात के समय कर्फ्यू जैसे हालात बन रहे हैं.


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