Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में भारी बारिश की वजह से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं इस बारिश ने सरकार के विकास के दावों की भी पोल खोल कर रख दी है. बारिश की वजह से बस्तर संभाग के ग्रामीण अंचलों से ऐसी तस्वीरें निकल कर सामने आ रही है, जिसमे न सिर्फ ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं बल्कि स्कूली छात्र छात्राओं को भी इस आफत की बारिश से कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
कमर तक पानी में जाते हैं बच्चे
कांकेर जिले के अंतागढ़ ब्लॉक से एक ऐसी ही तस्वीर निकल कर सामने आई हैं. जिसमें स्कूली बच्चे गांव में पूल नहीं बनने की वजह से कमर तक के उफनते नदी को पार कर स्कूल जा रहे हैं. यह तस्वीर अंतागढ़ ब्लॉक के सरंडी गांव की है जहां बारिश की वजह से इस क्षेत्र के करीब 6 से 7 गांव टापू बन गए हैं. वही सरंडी गांव के स्कूल पारा और ऊपर पारा के बीच पड़ने वाले चौड़ी नदी मे पूल नहीं बन पाने की वजह से बरसात के दिनों में स्कूलों में कक्षा पहली से लेकर 10वीं तक पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को पूरे बरसात के महीने में परेशानी का सामना करना पड़ता है.
पांनी बढ़ने के बाद बंद किया जाता है स्कुल
सरंडी गांव के ग्रामीणों ने बताया कि भारी बारिश होने पर नदी में बाढ़ की स्थिति बन जाती है और स्कूल की छुट्टी करनी पड़ती है. पानी का बहाव कम होने पर ही छात्र-छात्राएं स्कूल तक पहुंच पाते हैं और स्कूल के शिक्षकों को भी ऐसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बच्चों का भी कहना है कि बरसात के मौसम में महीने में केवल 15 से 20 दिन ही स्कूल लगता है और बाकी समय अधिक बारिश होने की वजह से स्कूल में छुट्टी कर दी जाती है. वहीं जैसे ही नदी का पानी उनके कमर तक उतरता है तो वह नदी को पार कर स्कूल तक पहुंचते हैं. इधर बच्चों के पालकों का भी कहना है कि कई बार स्कूल भेजते वक्त उनके मन में डर सा बने रहता है. कहीं बच्चे इस नदी में बह ना जाए.
कई बार सौंप चुके हैं आवेदन
वहीं इस ग्राम पंचायत के सरपंच जोहित राणा का कहना है कि स्कूल पारा से ऊपर पारा के बीच नदी पर पुल बनाने की मांग को लेकर कई बार आवेदन दिया जा चुका है. कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान भी आमा कड़ा गांव में आए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी समस्या से अवगत कराया गया था. अब तक पुल बनाने के लिए कोई पहल नहीं की गई है. जिसके चलते भारी बारिश में स्कूली छात्रों के साथ शिक्षक भी उफनते नदी को पार करके स्कूल पहुंचते हैं. जब पानी सर से ऊपर चल जाता है तो स्कूलों की छुट्टी कर दी जाती है. हालांकि अंतागढ़ के सरंडी गांव के ग्रामीणों को जरूर उम्मीद है कि इन हालातों को देख सरकार जरूर उनकी मदद करेगी और चौड़ी नदी के ऊपर पुल बनाया जाएगा.
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