Kanker News: साल 2014 में अंतागढ़ सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस (Congress) से प्रत्याशी रहे मंतुराम पवार (Manturam Pawar) नाम वापस लेकर बीजेपी (BJP) प्रत्याशी को वॉकओवर देकर जिताने के बाद पूरे देश मे चर्चित रहे थे. पूर्व विधायक मंतुराम पवार एक बार फिर अपने बयान की वजह से सुर्खियों में बने हुए हैं. मंतुराम पवार ने ठीक नौ साल पहले चुनाव लड़ने से नाम वापसी की वजह का खुलासा किया है. 


क्या कहा पूर्व विधायक ने
मंतुराम पवार ने कहा कि कांकेर के तत्कालीन एसपी राजेंद्र दास ने उन्हें नाम वापस नहीं लेने पर एनकाउंटर करने की धमकी दी थी. इसके बाद डर के मारे उन्होंने अंतागढ़ विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी कै तौर पर अपना नाम वापस ले लिया था. इसी कारण बीजेपी प्रत्याशी को वॉकओवर मिल गया था. 


वायरल हुआ था ऑडियो टेप 
मंतुराम पवार ने कहा कि उस वक्त केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार थी. इस दौरान एसपी से मिली धमकी के बाद डर की वजह से उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था. हालांकि, मंतुराम पवार पर उपचुनाव में नाम वापस लेने के एवज में पैसे लेने के आरोप भी लगे थे. चुनाव के ठीक चार दिन बाद बकायदा मंतुराम पवार का एक ऑडियो टेप भी वायरल हुआ था. इस टेप कांड में खरीद फ़रोख्त का जिक्र किया गया था. इसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मंतुराम पवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.


बीजेपी से भी किया गया निष्कासित
इस टेप कांड के बाद बीजेपी में शामिल हुए मंतुराम पवार 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट नहीं मिलने के चलते पार्टी विरोधी कार्य मे लग गए. उन्होंने राजेश मूणत सहित पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ भी बयानबाजी की. इसके बाद बीजेपी से भी उन्हें निष्कासित कर दिया गया. अब मंतुराम पवार ने 2023 के विधानसभा चुनाव में अंतागढ़ सीट से निर्दलीय प्रत्याशी बनकर चुनाव लड़ने का एलान किया है.


निर्दलीय चुनाव लड़ने को हैं तैयार
मंतुराम पवार ने प्रेस वार्ता में कहा कि 2014 में हुए अंतागढ़ उपचुनाव के दौरान कांकेर के तत्कालीन एसपी राजेंद्र दास ने नाम वापस नहीं लेने पर उन्हें एनकाउंटर में मार देने की धमकी दी थी. मौत के डर से उन्होंने नाम वापस लिया था. इस मामले में उन्होंने न्यायालय में भी अपना बयान दर्ज कराया था. मंतुराम पवार ने कहा कि परिवार के डर से मैंने उपचुनाव में नाम वापस लिया था. लेकिन, इस बार विधानसभा चुनाव में अंतागढ़ सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ूंगा और नाम वापस भी नहीं लूंगा.


कौन हैं मंतुराम पवार
दरअसल, मंतुराम पवार 1998 में कांग्रेस से विधायक बने. 2008 और 2013 में बीजेपी के प्रत्याशी रहे. हालांकि, उन्हें दोनों बार हार का सामना करना पड़ा. विक्रम उसेंडी को कांकेर लोकसभा से सांसद का टिकट मिलने पर 2014 में अंतागढ़ सीट पर उपचुनाव हुआ और कांग्रेस ने मंतुराम पवार को प्रत्याशी बनाया, लेकिन उन्होंने आखिरी दिन नाम वापस लेकर प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया. इसको लेकर खरीद-फरोख्त की हुए बातचीत का ऑडियो भी वायरल हुआ था. इस टेप कांड में कई बड़ी राजनीति हस्तियों के नाम भी उजागर हुए थे. 


फिर सुर्खियों में हैं मंतुराम पवार
नाम वापसी कांड और टेप कांड ने मंतुराम पवार को प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में चर्चित कर दिया. अब 2014 के उपचुनाव को लेकर इस नए तरह के बयान से मंतुराम पवार सुर्खियों में बने हुए हैं. हालांकि, मंतुराम पवार के इस बयान पर अब तक बीजेपी या कांग्रेस के किसी भी बड़े नेता की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. करीब 9 साल बाद इसका खुलासा करने के सवाल पर मंतुराम पवार का कहना है कि उन्होंने न्यायालय में भी बयान दर्ज कराया था. तत्कालीन एसपी के द्वारा एनकाउंटर की धमकी देने के भी जानकारी दी थी. लेकिन, इस पर कोई जांच नहीं हुई.


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