जान खतरे में डाल उफनती नदी को पार कर रहे ग्रामीण, लंबे समय से कर रहे सड़क और पुल की मांग
Kanker News: कांकेर जिले में भारी बारिश से बाढ़ आई है, जिससे 50 से अधिक गांव टापू बने हैं. ग्रामीण जान जोखिम में डालकर उफनते एनीकट पार करके कोयलीबेड़ा पहुंच रहे हैं, क्योंकि नदियों पर पुल नहीं है.
Chhattisgarh Heavy Rain: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में पिछले 3 दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश जारी है, जिसकी वजह से एक बार फिर से जिले के अंदरूनी गांव में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं, वहीं नदी नाले भी उफान पर हैं, भारी बारिश की वजह से जहां एक तरफ 50 से अधिक गांव टापू में तब्दील हो गए हैं, वहीं दूसरी तरफ नदी नालों का जल स्तर बढ़ जाने की वजह से आवागमन भी प्रभावित हुआ है.
वहीं नदियों में बाढ़ आने के बावजूद लोग अपनी जान जोखिम में डाल उफनती नदी नालों और डैम को पार कर रहे हैं, जिले के कोयलीबेड़ा में ऐसी ही तस्वीर निकलकर सामने आई है, जहां बड़ी संख्या में ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डाल एनीकट को पार कर रहे हैं, कई गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट जाने की वजह से लोगों को इस तरह से जान जोखिम में डाल उफनती नदी पार करने को मजबूर होना पड़ रहा है.
राशन पानी लाने के लिए भी ग्रामीण इसी एनीकट को पार कर कोयलीबेड़ा के साप्ताहिक बाजार पहुंच अपनी जरूरत के सामान खरीद रहे हैं, कोयलीबेड़ा के आसपास गांव के लोग लंबे समय से सड़क की मांग कर रहे हैं, और नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन पुल नहीं बन पाने की वजह से जल संसाधन विभाग द्वारा बनाए गए इस एनीकट को ही पार कर कोयलीबेड़ा तक पहुंच रहे हैं.
इस एनीकट में लबालब पानी भर जाने से ग्रामीण अपनी जान खतरे में डालकर डैम को पार कर कोयलीबेड़ा तक आ रहे हैं, ,जिससे बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है, वही मजबूरवश ग्रामीणों को इस उफनती नदी को पार करना पड़ रहा है.
लंबे समय से की जा रही पुल बनाने की मांग
दरअसल बारिश के मौसम में नदी तट से लगे इलाकों में ग्रामीणों को राशन पाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है ,नदी नाले उफान में होने की वजह से ग्रामीण राशन नहीं ला पाते हैं ,बस्तर संभाग में अधिकांश इलाकों का यही हाल बना हुआ है, जहां ग्रामीणों के द्वारा लंबे समय से नदियों में पुल बनाने की मांग तो की जा रही है लेकिन अब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हुई है, कोयलीबेड़ा में भी नदी पर पुल बनाने की मांग और गांव तक सड़क बनाने की मांग ग्रामीणों के द्वारा की जा रही है, लेकिन यह मांग पूरी नहीं हुई है.
लगातार बारिश होने की वजह से इस क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में ग्रामीणों को अपनी जरूरत की चीजो और खासकर बीमार पड़ने पर ईलाज के लिए इसी एनीकट को पार कर कोयलीबेड़ा जाना पड़ रहा है, एनीकट में पानी का तेज बहाव होने से कभी भी बड़ा हादसा होने का डर बना हुआ है, बावजूद इसके ग्रामीण मजबूरन इसी एनीकट को पार कर कोयलीबेड़ा पहुंच रहे हैं.....
कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
विडंबना वाली बात यह है कि यहां सुरक्षा की दृष्टिकोण से एनीकट पर किसी भी पुलिसकर्मी की तैनाती नहीं की गई है, और ना ही इरिगेशन विभाग से भी इन ग्रामीणों के इस एनीकट को पार करने के लिए मना करने के लिए किसी तरह का सूचना बोर्ड या किसी व्यक्ति को तैनात किया गया है, जिसके चलते ग्रामीण इस तेज बहाव वाले इस एनीकट को पार कर रहे हैं और अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, हालांकि अच्छी बात यह है कि अब तक इस एनीकट में इस साल हादसा नहीं हुआ है, लेकिन इस एनीकट को पार करने वालो में महिला, बच्चे, बुजुर्ग सभी शामिल है ,ऐसे में बड़ा हादसा हो सकता है.
प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी इस नदी में पुल बनाने के लिए प्रस्ताव लाने की बात कह रहे हैं, फिलहाल इस नदी को पार कर कोयलीबेड़ा आने के लिए तेज बहाव वाला यह एनीकट ही ग्रामीणों के लिए एकमात्र सहारा बना हुआ है और मजबूरन ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर इस एनीकट को पार कर रहे हैं.
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