Kawasi Lakhma in Sukma: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुकमा (Sukma) जिले के घोर नक्सल प्रभावित गांव रेगड़गट्टा (Regadgatta) में अज्ञात बीमारी से 61 ग्रामीणों की हुई मौत के मामले में आखिरकार राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. राज्य सरकार ने इस अज्ञात बीमारी को गंभीरता से लेते हुए इसका पता लगाकर समस्या को जल्द से जल्द दूर करने का आदेश दिया है. इसके लिए खुद क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) ने शुक्रवार को रेगड़गट्टा गांव का दौरा किया.
मंत्री कवासी लखमा कोंटा ब्लॉक से करीब 30 किलोमीटर बाइक चलाकर पूरी सुरक्षा के बीच इस गांव तक पहुंचे और ग्रामीणों का हालचाल जाना. साथ ही पिछले कई सालों से क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा पिए जा रहे फ्लोराइड युक्त पेयजल के बोर को तत्काल बंद करवाने के निर्देश दिए.
गौरतलब है कि एबीपी न्यूज़ ने हाल ही में इस गांव में अज्ञात बीमारी से लगातार हो रहे ग्रामीणों की मौत को लेकर खबर चलाए जाने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्री कवासी लखमा को ग्रामीणों तक पहुंचकर उनका हालचाल जानने के साथ हो रही समस्या की पूरी जानकारी जुटाने को कहा.
मंत्री ने शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने के दिए निर्देश
ऐसे में मंत्री कवासी लखमा पूरी कड़ी सुरक्षा के बीच गांव तक पहुंचे और गांव के अलग-अलग मोहल्ले में जाकर ग्रामीणों से मुलाकात की. साथ ही मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि ग्रामीणों का समय-समय पर आकर जांच करते रहें. वहीं ग्रामीणों की तबीयत खराब होने पर तत्काल जिम्मेदारों को सूचना देने की समझाइश दी. मंत्री लखमा ने मौके पर ही कलेक्टर सुकमा को शुद्ध पेयजल के लिए व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए.
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गांव में लगाया गया मेडिकल कैंप
इधर मंत्री के प्रवास के बाद गांव में अब 7 दिनों का मेडिकल कैंप लगाकर लोगों का इलाज किया जा रहा है. साथ ही गांव के 19 हैंडपंपों में से 2 पंपों में फ्लोराइड की मात्रा अधिक पाए जाने के बाद उसे बंद कर दिया गया है. देश की आजादी के बाद यह पहली बार है, जब किसी मंत्री ने घोर नक्सल प्रभावित गांव रेगड़गट्टा का दौरा किया है.
हालांकि, एसपी सुनील शर्मा ने इलाके की संवेदनशीलता का हवाला देते हुए उन्हें गांव जाने से रोका. उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाका और जर्जर मार्ग का भी हवाला दिया, लेकिन मंत्री कवासी लखमा रेगड़गट्टा गांव जाने पर अड़े रहे. इसके बाद डीएफ और सीआरपीएफ जवानों की कड़ी सुरक्षा के बीच मंत्री कवासी लखमा मोटरसाइकल से रेगड़गट्टा गांव पहुंचे.
19 बोर ही कर रहे हैं काम
सुकमा जिले का यह घोर नक्सल प्रभावित गांव होने की वजह से यहां शासन की योजनाएं भी नहीं पहुंच पाती हैं. गांव में सड़क, बिजली और पानी की समस्या कई दशकों से है. गांव में 22 बोर खोदे गए हैं, जिसमें 19 ही काम कर रहे हैं. शुक्रवार को मंत्री कवासी लखमा गांव पहुंचकर सबसे पहले पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और मृतक के परिवारों को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया और आर्थिक मदद दी.
मंत्री कवासी लखमा ने ग्रामीणों से की ये बात
उन्होंने कहा कि रेगड़गट्टा में अब किसी ग्रामीण की मौत नहीं होगी. मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि बीते तीन साल से पानी की वजह से ग्रामीणों की मौत हो रही थी. गांव में शुद्ध पेयजल के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, तब तक पेयजल को उबालकर पीने के लिए ग्रामीणों को कहा गया है. उन्होंने कहा कि जल्द ही गांव तक पहुंचने के लिए सड़क निर्माण कराया जाएगा. वहीं गांव में बिजली की समस्या को दूर करने आश्वासन भी उन्होंने दिया.