Kisan Andolan: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक बड़े किसान आंदोलन शुरुआत हुई है. नया रायपुर को हजारों करोड़ रुपए खर्च कर बसाया गया है. अब वहीं के किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पुनर्वास नीति से नाराज हजारों की संख्या में किसानों ने NRDA कार्यालय का घेराव किया. दरअसल नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति नवा रायपुर के बैनर तले 3 जनवरी को कयाबांधा के आमबग़ीचा में जनसभा का आयोजन किया गया.


NRDA कार्यालय का घेराव


इसमें प्रभावित ग्रामों के हजारों किसानों और ग्रामीणों ने भाग लिया और अपनी लंबित मांगों के लिए आंदोलन का शंखनाद किया. इसके बाद सभा ने रैली की शक्ल में एनआरडीए भवन पहुंच सामने ही टेंट लगाकर धरना में बैठ गई. किसान आंदोलन को लेकर किसान कल्याण समिति नवा रायपुर के अध्यक्ष रूपन चन्द्राकर ने बताया कि नया रायपुर विकास योजना 24 जुलाई 2008 से लागू है. नया रायपुर पुनर्वास योजना के अनुसार अर्जित भूमि के अनुपात में उद्यानिकी/ आवासीय/व्यवसायिक भूखंड पात्रतानुसार फ्री मिलने के प्रावधान का पालन किया जाना चाहिए. 


प्रभावित किसानों की मांग


पीड़ितों का कहना है कि भू अर्जन कानून 1894 के अंतर्गत हुए अवार्ड में भूस्वामियों को मुआवजा प्राप्त नहीं हुए हैं. उन्होंने बाजार मूल्य से 4 गुणा मुआवजा और नवा रायपुर क्षेत्र में ग्रामीण बसाहट का पट्टा मिलने की मांग की और कहा कि वार्षिकी राशि का पूर्ण रूप से आबंटन किया जाना चाहिए. पुनर्वास पैकेज 2013 के तहत सभी वयस्कों को 1200 वर्गफीट मिलने वाला भूखंड दिया जाए. साल 2005 से भूमि क्रय विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल हटाया जाए. गुमटी, चबूतरा, दुकान, व्यावसायिक परिसर में दुकान 75 प्रतिशत प्रभावितों को लागत मूल्य पर देने के प्रावधान का पालन किया जाए.


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