नक्सली क्यों मनाते हैं पीएलजीए सप्ताह, जानें क्या है पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी संगठन
नक्सली 2 दिसंबर से 8 दिसंबर तक पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) सप्ताह मना रहे हैं. पीएलजीए सप्ताह क्यों मनाया जाता है और ये संगठन क्या है? जानिए इसकें बारे में...
देश के माओवाद प्रभावित राज्यों में हर साल नक्सलियों द्वारा 2 दिसंबर से 8 दिसंबर तक पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) सप्ताह मनाया जाता है. पीएलजीए सप्ताह के दौरान नक्सली बंद का आह्वान करते हैं. इसके अलावा नक्सलियों के बड़े लीडरों द्वारा बैठक कर आने वाले नए साल के लिए रणनीति तैयार की जाती है. आखिर नक्सली पीएलजीए सप्ताह क्यों मनाते हैं? और इसके पीछे वजह क्या है.. इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे.
पीएलजीए सप्ताह मनाने का कारण
पीएलजीए को पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी कहा जाता है. इसमें नक्सली संगठन के लड़ाकुओं को शामिल किया जाता है. ये लड़ाकू जवानों के साथ आमने-सामने की मुठभेड़ में शामिल होते हैं. अत्याधुनिक हथियारों से लैस पीएलजीए सदस्य गुरिल्ला आर्मी वॉर मे माहिर होते है. हर साल 2 दिसंबर से 8 दिसंबर तक अपने इन पीएलजीए के सदस्यों के मारे जाने की याद में नक्सली इस सप्ताह को मनाते हैं. इसके साथ ही अपने पूरे साल का लेखा-जोखा जारी करते हैं. आने वाले साल में संगठन कैसे चलेगा इसकी प्लानिंग भी बड़े नक्सली लीडरों के द्वारा की जाती है. इस दौरान सुरक्षाबलों पर हमले की रणनीति भी बनाई जाती है.
साल 2000 में हुई थी पीएलजीए की स्थापना
नक्सलियों ने इस संगठन की स्थापना साल 2000 में की थी. इस साल पीएलजीए की 21वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. इस सप्ताह में नक्सली अपने सबसे मजबूत ठिकानों में बड़े नक्सलियों के साथ बैठक करते हैं. बैठक में सेंट्रल कमेटी के मेंबर समेत बड़े नक्सली लीडर और नक्सली कमांडरों को भी शामिल किया जाता है. बैठक में सालभर में संगठन को हुए नुकसान, फायदे और लेवी की राशि से सम्बंधित और हथियारों की सप्लाई सभी तरह के विषयों पर चर्चा की जाती है. इस दौरान नक्सली अपने निचले कैडरों को बंद की जिम्मेदारी सौंपते हैं ताकि पीएलजीए सप्ताह के दौरान पुलिस की पहुंच उन तक ना पहुंचे. इसीलिए जगह-जगह मार्ग को अवरुद्ध करने के साथ ही अंदरूनी क्षेत्रो में आवागमन भी प्रभावित नक्सलियो के द्वारा की जाती है. वही सभी ठिकानों में नक्सली मोर्चे पर तैनात रहते हैं ताकि इस दौरान सुरक्षाबलों द्वारा सर्चिंग अभियान चलाया जाए तो आसानी से वे फोर्स पर हमला कर सकें.
नक्सलियो पर भारी पड़ रही पुलिस
इधर बस्तर आईजी का कहना है कि पिछले कुछ सालों में नक्सलियों के पीएलजीए सप्ताह के दौरान पुलिस को सफलता मिली है. पुलिस ने नक्सलियों के मजबूत ठिकानो पर पहुंचने के साथ ही उनके कैंपों को ध्वस्त किया है. पुलिस ने नक्सली मुठभेड़ों के दौरान 50 से अधिक नक्सलियों के पीएलजीए सदस्यों को भी जवानों ने मार गिराया है. आईजी ने कहा कि इस सप्ताह के दौरान पुलिस खास सतर्कता बरतती है और संभाग के सभी थाना, चौकी और सीआरपीएफ कैंपों में अलर्ट जारी किया जाता है.
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