Kondagaon Malaria News: छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के नैलवाड़ गांव में बढ़ते  डायरिया के प्रकोप ने तीन ग्रामीणों की जान ले ली है, जबकि कई ग्रामीण गंभीर रूप से बीमार हैं, बताया जा रहा है कि गांव में एक ही हैंडपंप है, और सैकड़ो की आबादी वाले इस गांव के लोग झरिया और बरसाती नाले का पानी पीने को मजबूर हैं, जिस वजह से लगातार दूषित पानी पीने से ग्रामीण डायरिया के चपेट में आ रहे हैं, और उनकी मौत हो रही है. इधर गांव मे तीन मौत होने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.


वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में मेडिकल कैंप भी लगाया है. मेडिकल टीम के डॉक्टरों का कहना है कि लगातार ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है और जांच के दौरान डायरिया के साथ-साथ मलेरिया पॉजिटिव मरीज भी मिल रहे हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गांव में स्थिति नियंत्रण होने की बात कह रहे हैं, लेकिन लगातार हुए तीन मौत के बाद यहां के ग्रामीणों में डर का माहौल बना हुआ है.


सालों से झरिया और नाला का पानी पीने को मजबूर है ग्रामीण
छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री मोहन मरकाम के विधानसभा क्षेत्र में पिछले कई सालों से पेयजल की समस्या बनी हुई है. खासकर के अंदरूनी गांव में कई गांव के लोग एक हैंडपंप के भरोसे हैं. सैकड़ो की आबादी वाले गांव में पानी की समस्या होने की वजह से लोग झरिया का पानी और नाला का पानी पीने को मजबूर होते हैं.  कई बार एबीपी लाइव ने ऐसी तस्वीर भी दिखाई है जिसमें ग्रामीण नाला का पानी पीने को मजबूर है.


ग्रामीणों के लगातार मांग के बावजूद भी पेयजल की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है, और यही वजह है कि कोंडागांव विधानसभा के नैलवाड़ गांव में तीन ग्रामीणों की दूषित पानी पीने की वजह से डायरिया के चपेट में आकर मौत हो गई है.


पानी को अच्छी तरह से उबालकर पीने की सलाह दी गई है
वहीं कई ग्रामीण बीमार है. इधर जानकारी मिलने के बाद खुद जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर. के सिंह भी गांव पहुंचे. उन्होंने बताया कि लगातार नैलवाड़ गांव के ग्रामीणों की स्वास्थ्य की जांच की जा रही है, गांव में शुद्ध  पानी की व्यवस्था नहीं होने की वजह से ग्रामीण दूषित पानी पी रहे हैं. ग्रामीणों को पानी को अच्छी तरह से उबालकर पीने की सलाह दी गई है.


इसके अलावा हैंडपंप सहित झरिया और नाला के पानी की नमूने की जांच करने पीएचई विभाग को कहा गया है. जांच के बाद ही डायरिया के मूल कारणों का पता लगने की बात मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने कही है, और फिलहाल नेलवाड़ में मेडिकल कैंप लगाकर एक-एक ग्रामीण की स्वास्थ जांच करने की बात कही जा रही है.


इधर उन्होंने बताया कि नैलवाड़ के 100 घरों में 460 लोगों की आबादी में 180 लोगों की मलेरिया की जांच की गई, जिसमें दो पॉजिटिव मिले. वहीं  उल्टी दस्त की वजह से बीमार लोगों की जांच में 12 लोग पॉजिटिव पाए गए,  इसके अलावा मौसमी बीमारी से भी 50 से अधिक ग्रामीण बीमार मिले है,  सभी को मेडिकल कैंप के माध्यम से बेहतर इलाज मुहैया कराया जा रहा है और जिनकी हालत अत्यधिक खराब है, उन्हें कोंडागांव जिला अस्पताल भी लाया जा रहा है.


दो महिला और एक पुरुष की हुई मौत
इधर 3 ग्रामीणों की डायरिया से मौत हुई है उनमें दो बुजुर्ग महिला और एक 62 साल का पुरुष शामिल है, बताया जा रहा है कि इन तीनों को  पहले उल्टी दस्त की शिकायत हुई, जिसके बाद इन्होंने गांव में ही सिरहा से  झाड़ फूंक करवाया, लेकिन ज्यादा तबियत बिगड़ने की वजह से तीनों ग्रामीणों की मौत हो गई. इस मौत के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है, हालांकि मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी वर्तमान में गांव में स्थिति नियंत्रण होने की बात कर रहे हैं.


लेकिन लंबे समय से इस क्षेत्र के ग्रामीण  बोर करवाकर शुद्ध पेयजल की मांग कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के पास अपनी मांग की कोई सुनवाई नहीं होता देख मजबूरन नाला और झरिया का पानी पी रहे हैं, जिस वजह से उनकी तबीयत बिगड़ रही है.


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