Chhattisgarh News: नेट बैंकिंग के जरिए दोस्त ने ही किया कंगाल, खाते से निकाले लाखों; आरोपी गिरफ्तार
Kondagaon: कोंडागांव में एक दोस्त ने नेट बैंकिंग के जरिए अपने ही दोस्त के खाते से लाखों रुपये निकाल लिए. इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
Chhattisgarh Cyber Crime News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh ) में एक दोस्त ने अपने दोस्ती की ऐसी वफा निभाई कि चंद दिनों में उसे पूरी तरह से कंगाल कर दिया और शहर छोड़कर फरार हो गया. प्रदेश के कोंडागांव (Kondagaon) जिले के कोरगांव में रहने वाले हितेंद्र मांझी नाम के व्यक्ति ने यहां के थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके खाते से अचानक लाखों रुपये निकाल लिए गए हैं. नेट बैंकिंग के जरिए किसी ने इस वारदात को अंजाम दिया है. कोंडागांव साइबर सेल की टीम ने इस मामले में जांच की.
जांच में पता चला कि शिकायतकर्ता के दोस्त ने उसका पुराना सिम चुराकर ओटीपी और नेट बैंकिंग के माध्यम से उसके अकाउंट से 9 लाख 70 हजार रुपये बड़ी चालाकी से अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए. मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. विश्रामपूरी थाना प्रभारी ने बताया कि कोरगांव के रहने वाले हितेंद्र मांझी ने थाना में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके बैंक खाते से 9 लाख 70 हजार रुपये निकाल लिए गए हैं. हालांकि चंद दिनों में इतनी बड़ी रकम किसने उसके खाते से निकाली. इसकी जानकारी उसे नहीं लगी.
आरोपी गिरफ्तार
इस शिकायत के बाद पुलिस ने साइबर टीम की मदद से उसके अकाउंट की पूरी डिटेल खंगाली और पता चला कि हितेंद्र की सिम जो कि बैंक से लिंक है, उसमें ओटीपी के जरिए और नेट बैंकिंग के माध्यम से किसी ने उसके अकाउंट से लाखों रुपये निकाल लिए. हितेंद्र ने पुलिस को बताया कि साल 2022 में उसका सिम चोरी हो गया था. जिसके बाद उसने अपनी पुरानी सिम को बंद नहीं कराया और ना ही उस नंबर को दोबारा शुरू किया. इसके चलते पुरानी सिम से ओटीपी और नेट बैंकिंग के माध्यम से उसके खाते के पैसे दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए गए. पुलिस ने जांच में पाया कि पंकज मानिकपुरी नाम के व्यक्ति के द्वारा सिम और OTP का इस्तेमाल कर हितेंद्र मांझी के अकाउंट से पैसा निकाला जा रहा है. इसके बाद पुलिस ने साइबर टीम की मदद से जाल में फंसा कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
इसके बाद हितेंद्र मांझी ने बताया कि आरोपी पंकज मानिकपुरी उसका दोस्त है, लेकिन उसे पता ही नहीं चला कि कब उसके दोस्त ने उसका सिम चुरा लिया. इधर आरोपी ने भी अपना जुर्म कबूल कर लिया. उसने बताया कि उसने अपने दोस्त के खाते से 9 लाख 70 हजार रुपये अपने और एक दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए. फिलहाल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद उसे जेल भेज दिया है.
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बस्तर आईजी ने की अपील
वहीं बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बस्तर की जनता से अपील करते हुए कहा है कि बैंक से लिंक मोबाइल नंबर या सिम के चोरी या गुम हो जाने के बाद तत्काल अपने बैंक को उसकी सूचना दें. साथ ही खोई हुई सिम से सारे ट्रांजैक्शन बंद करवाएं. इसके अलावा वही नंबर का सिम दोबारा शुरू होने के बाद बैंक को इसकी जानकारी देनी चाहिए. ओटीपी के माध्यम से चोर हुई सिम या मोबाइल से कई बार लोग ठगी का शिकार होते हैं. उनके खाते से पैसे ट्रांसफर कर लिए जाते हैं. ऐसे में इस तरह के मामलों में सतर्कता बरतें.