(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
चांदी की चमक से भी नहीं डगमगाया ईमान, ऑटो रिक्शा चालक ने असली मालिक तक लौटाया जेवर से भरा थैला
Korba News: कोरबा में ऑटो रिक्शा चालक की जमकर सराहना हो रही है. उसने ईमानदारी की मिसाल पेश की है. महिला यात्री चांदी के जेवर से भरा थैला पाकर काफी खुश हो गयी. परिजनों की आखों भी नम हो गयीं.
Chhattisgarh News: कोरबा में ऑटो रिक्शा चालक ने जेवर से भरे थैले को लौटाकर ईमानदारी की मिसाल पेश की है. जेवर से भरा थैला पाकर महिला के परिजनों की आंखें नम हो गयीं. महिला ने साप्ताहिक बाजार में सराफा व्यवसायी से चांदी के जेवर की खरीद की थी.
बेटी की शादी के लिए जेवर को महिला ने थैले में रखा था. मानिकपुर पुलिस चौकी अंतर्गत कृष्णा नगर के रहने वाले श्याम दास ऑटो रिक्शा चलाकर परिवार का भरण पोषण करते हैं. रोजाना की तरह दो दिन पूर्व श्याम दास ऑटो रिक्शा लेकर निकले थे.
ऑटो रिक्शा चालक ने पेश की ईमानदारी की मिसाल
रात को घर वापस आने के बाद ऑटो रिक्शा की साफ-सफाई करने लगे. सफाई के दौरान ऑटो रिक्शा चालक की नजर पीछे की सीट पर पड़ी. लावारिस थैले को देखकर थोड़ी देर के लिए अवाक रह गये. थैले को खोलने पर चांदी के जेवर मिले.
ऑटो रिक्शा चालक समझ गये कि थैला किसी यात्री का छूटा हुआ है. उनकी नीयत नहीं नही डगमगाई. बिना देर किये रात में श्याम दास चांदी के जेवर से भरे थैले को लेकर जिला ऑटो संघ कार्यालय जा पहुंचे. ऑटो रिक्शा चालक संघ के अध्यक्ष गिरीजेश सिंह ठाकुर व सचिव यशवंत कौशिक को सारी बताई. थैले के असली मालिक की तलाश शुरू हो गयी.
चांदी के जेवर से भरा थैला मालिक तक ऐसे पहुंचाया
मालिक का पता नहीं चलने पर श्याम दास जेवर से भरे थैले को ऑटो संघ के दफ्तर में जमा कराकर लौट गये. ऑटो संघ के पदाधिकारी और सदस्य जेवर को असली मालिक तक पहुंचाने की प्लानिंग करने लगे. इसी बीच बुधवारी बस्ती में रहने वाली गायत्री बरेठ नामक एक महिला परिजनों के साथ ऑटो संघ कार्यालय पहुंची.
महिला काफी घबराई और परेशान थी. दफ्तर में मौजूद पदाधिकारियों ने पूछताछ की. महिला ने बताया कि भैंसमा साप्ताहिक बाजार से जेवर की खरीदी कर ऑटो रिक्शा में लौटी थी. इस दौरान जेवर से भरा थैला खो गया. उसने बताया कि जेवर की खरीदारी बेटी की शादी के लिए की थी. महिला की बातों पर ऑटो संघ के पदाधिकारी संतुष्ट हो गये. उन्होंने थैले को असली मालिक के हवाले कर दिया. जेवर से भरा थैला पाकर महिला और परिजनों की आंखें खुशी से भर गयीं. परिवार ऑटो रिक्शा चालक और संघ को धन्यवाद देते नहीं थक रहा था.