Chhattisgarh: मिट्टी का कटाव रोकने नदी किनारे हो रहा पौधारोपण, अब कोरबा में लगाए जाएंगे 16 हजार पौधे
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए पिछले चार सालों से खास मुहिम चलाई जा रही है. यहां नदी किनारे की जमीन को चिह्नित कर हजारों की संख्या में पौधे लगाए जा रहे हैं.
Korba News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरबा (Korba) जिले में हसदेव नदी (Hasdeo River) के किनारे खाली पड़ी लगभग 15 हेक्टेयर जमीन पर वन विभाग छायादार और फलदार पौधों का रोपण (Plantation) करेगी. इसके लिए वन विभाग ने सोनपुरी के नजदीक हसदेव नदी के तट को चिह्नित किया है. एक सप्ताह के भीतर इस स्थान पर लगभग 16 हजार 500 अर्जुन, जामुन जैसे प्रजातियों का पौधारोपण किया जाएगा. हसदेव नदी के तट पर वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जा रहा है, इससे मृदा संरक्षण और मिट्टी के कटाव को रोकने में भी मदद मिलेगी.
नदी के किनारे मिट्टी के कटाव में कमी हो और छायादार वृक्षों की संख्या में बढ़ोतरी हो सके इसके लिए नदी तट पर वृक्षारोपण की दिशा पर पहल की जा रही है. वनमंडल अधिकारी अरविंद सिंह के निर्देश पर कोरबा वनमंडल के बालको रेंज में सोनपुरी के नजदीक बहने वाली हसदेव नदी के किनारे लगभग 15 हेक्टेयर जमीन को चिह्नांकित किया गया है. . बताया जा रहा है कि 15 हेक्टेयर वनभूमि में पौधरोपण के लिए खुदाई का काम शुरू हो चुका है.
चार साल से चल रही है पौधारोपण की यह मुहिम
वनपरिक्षेत्र अधिकारी जयंत सरकार ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर पौधारोपण पूरी तरह कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में पौधारोपण किया गया है. हसदेव नदी तट पर वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की पहल पर कोरबा वनमंडल में इससे पहले कचांदी नाला, ढेंगुर नाला सहित अन्य नदी, नालों में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण कराया था. अन्य स्थानों में रोपे गए पौधे धीरे-धीरेवृक्ष की शक्ल लेने लगे हैं और नदी के तट पर वृक्षारोपण से नदी के किनारे मृदा संरक्षण हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर आसपास के इलाकों में बसने वाले लोगों को फलदार पेड़ भी मिल रहा है. नदी तट पर वृक्षारोपण से ग्रामीणों को भी भरपूर लाभ मिल रहा है.
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