कोरबा: NH के निर्माण में चली गई जमीन, नहीं मिल रहा मुआवजा, टूट रहा किसानों का सब्र
Chhattisgarh news: कोरबा जिले के किसानों के अनुसार, उनकी जमीन सरकार ने हाईवे बनवाने के लिए ले ली, लेकिन उन्हे मुआवजा अभी तक नहीं मिला. किसान कई दिन से सरकारी ऑफिस का चक्कर काट रहें है.
Korba News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में निर्माणाधीन नेशनल हाईवे क्रमांक-149 कोरबा-चांपा मुख्य मार्ग के लिए ग्राम देवलापाठ के किसान रामनाथ राठौर, नोहर लाल साहू, रामकुमार बरेठ की जमीन सड़क बनाने के लिए अधिग्रहित की गई है. इसकी मुआवजा राशि के भुगतान के लिए किसान लगातार आवेदन दे रहे हैं. एसडीएम ऑफिस व कलेक्टर कार्यालय में आवेदन कई बार दिया, पर अधिकारी-कर्मचारी आश्वासन देकर लौटा रहें है.
किसानों द्वारा बताया जा रहा है कि कई दिनों से सरकारी ऑफिस का चक्कर काटते-काटते थक गए है. अधिकारीयों द्वारा बस आश्वासन दिया जाता है लेकिन किसानों को अभी तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया है. बिना मुआवजा दिए जमीन पर सड़क बनाने के शिकायत में किसान रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी में है.
टूटा रहा किसानों का सब्र
आखिरकर थक-हारकर एक किसान अधिग्रहित की गई अपनी जमीन पर मकान निर्माण में जुट गया है. इसी तरह एक अन्य किसान ने खेती के लिए जुताई शुरू कर दी है. जब एनएच विभाग द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन का समतलीकरण किए तो किसान रामनाथ राठौर ने विरोध किया. तब उनसे कहा गया था कि 15 दिन में ही उनका मुआवजा मिल जाएगा, पर 6 माह बाद जब उस जमीन पर डामरीकरण करने का काम चालू किया, तब किसान का सब्र टूट गया. और उसने निर्माणाधीन नेशनल हाईवे कोरबा-चांपा मुख्य मार्ग पर 17 जून को घर बनाने के लिए ईंट और पत्थर को रख दिया. उन्होंने बताया कि अब वे अपने जमीन में घर बनाएंगे. ऐसा इसलिए, क्योंकि वे शासकीय कार्यालय का चक्कर काटते काटते थक गए हैं. देवलापाठ के ही किसान नोहर लाल साहू व रामकुमार बरेठ भी अपनी जमीन पर धान की फसल के लिए खेत की जुताई कर दिए हैं. यह सब विभागीय अधिकारी की उदासीनता के कारण हो रहा है. कई बार कार्यालय व कलेक्टर जनदर्शन में जाने के बाद भी किसानों को मुआवजा नहींं मिला.
अब तक पांच बार दे चुके लिखित आवेदन
किसान नोहर लाल साहू अब तक पांच बार लिखित आवेदन दे चुका हैं. यह आवेदन उन्होंने 20 अगस्त 2021, 21 फरवरी 2022, 22 फरवरी, 15 जून 2022, 13 सितंबर 2022, 17 नवम्बर 2022 को लिखित में दिए थे. स्थानीय जनप्रतिनिधि झाम लाल साहू के साथ कई बार सरकारी दफ्तर गए. उसके बाद भी विभाग के अधिकारी कोई कार्यवाही नहींं किए, इसलिए किसान ने अपनी जमीन पर घर बनाना उचित समझा.
दबाव बनाने लगे विभाग से पहुंचे दो कर्मचारी
किसान ने बताया कि नेशनल हाईवे के दो कर्मचारी आए और किसानों को रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकी देने लगे. जिस पर से किसान ने पूर्व बीडीसी झाम लाल साहू को फोन करके बुलाया और उन्होंने अधिकारीयों से बात की और किसानों को उनका अधिकार दिलाने को कहा. बिना मुआवजा दिए जमीन को समतलीकरण करने की शिकायत करते हुए किसान अब रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी में है.
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