Chhattisgarh Lok Sabha Election 2024: छत्तीसगढ़ के लोकसभा कोरबा सीट पर जब-जब गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को कम वोट मिले हैं कांग्रेस को फायदा हुआ है. एक चुनाव में जब गोंगपा को 50 हजार से ज्यादा वोट मिले तो कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. दो चुनाव में 40 हजार से कम वोट गोंगपा को मिले थे. इन चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली थी. गोंगपा के वोटों से कोरबा सीट पर हार जीत का समीकरण बदलता रहा है.
कोरबा लोकसभा सीट पर अब तक तीन लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. जांजगीर सीट से परिसीमन में अलग होने के बाद पहला चुनाव वर्ष 2009 में हुए थे. इस चुनाव में कांग्रेस ने डॉ. चरणदास महंत और बीजेपी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करूणा शुक्ला को उतारा था. चुनाव में हार जीत का आंकड़ा 20 हजार से ज्यादा रहा था. चरणदास महंत को 3 लाख 14 हजार 616 और करुणा शुक्ला को 2 लाख 93 हजार 879 वोट मिले थे.
कीर्तिमान स्थापित किया था
इस तरह चरण दास महंत ने 20 हजार 737 वोटों के अंतर से चुनाव जीतकर कोरबा के पहले सांसद चुने का जाने का कीर्तिमान स्थापित किया था. इस चुनाव में तीसरी ताकत गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रत्याशी हीरासिंह मरकाम को 32 हजार 962 वोट मिले थे. उनके वोटों का आंकड़ा कुल मतदान का 2.58 फीसदी रहा था. गोंगपा को मिले कम वोटों का फायदा इस चुनाव में कांग्रेस को हुआ था.
लोकसभा चुनाव 2014 का रिजल्ट
इसी तरह 2014 के चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के बढ़े मतों की संख्या के कारण कांग्रेस लगातार जीत हासिल करने में नाकाम हो गई थी. इस चुनाव में कांग्रेस ने मौजूदा सांसद डॉ. चरणदास महंत को रिपीट किया था, जबकि बीजेपी ने डॉ. बंशीलाल महतो को टिकट दिया था. डॉ. बंशीलाल महतो को 4 लाख 39 हजार 2 और डॉ. चरणदास महंत को 4 लाख 34 हजार 737 वोट मिले थे. इस तरह बीजेपी प्रत्याशी डॉ. महतो ने नजदीकी मुकाबले में डॉ. महंत को 4 हजार 265 वोटों के मामूली अंतर से हरा दिया था.
जिसका नुकसान कांग्रेस को हुआ
खास बात रही कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने इस चुनाव में 52 हजार 753 वोट हासिल किए थे और प्राप्त मत का आंकड़ा गत चुनाव से बढ़कर 3.71 फीसदी हो गया था. जिसका नुकसान कांग्रेस को हुआ. 2009 और 2014 के चुनाव में गोंगपा के वोट में लगभग 20 हजार की बढ़ोतरी हुई और कांग्रेस की गत चुनाव में 20 हजार से अधिक वोटों की जीत 4 हजार से ज्यादा वोटों की हार में तब्दील हो गई.
परंपरा को रखा जारी
2019 के चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के वोट प्रतिशत में गिरावट आई तो कांग्रेस प्रत्याशी को एक बार फिर जनता ने संसद भवन तक पहुंचा दिया. इस चुनाव में कांग्रेस ने डॉ. चरण महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत को टिकट दिया. वहीं बीजेपी ने चेहरे बदलने की परंपरा को जारी रखते हुए ज्योतिनंद दुबे को प्रत्याशी चुना. कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत ने 5 लाख 23 हजार 310 वोट हासिल किए. प्रतिद्वंदी ज्योतिनंद दुबे को 4 लाख 97 हजार 61 वोट मिले. इस तरह उन्हें 26 हजार 249 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा.
कांग्रेस को हुआ फायदा
वोटों के लिहाज से कोरबा सीट पर यह किसी भी प्रत्याशी की सबसे बड़ी हार है. इस चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने हीरासिंह मरकाम के पुत्र तुलेश्वर सिंह मरकाम को चुनाव में उतारा था. उन्हें 37 हजार 417 वोट मिले थे. गत चुनाव से गोगपा को मिले कम वोट का फायदा कांग्रेस को हुआ. इस तरह गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के वोट जब जब कम हुए हैं कांग्रेस को जीत मिलती रही है. राजनीति के जानकारों की मानें तो गोंगपा कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाती रही है. जिसके कारण गोंगपा के वोट इस सीट पर समीकरण बनाने व बिगाड़ने का काम करते रहे हैं.
बढ़ता गया है वोट प्रतिशत
अब तक हुए तीन चुनाव में वोटिंग के साथ ही बीजेपी-कांग्रेस का वोट प्रतिशत भी बढ़ता गया है. 2009 के चुनाव में कांग्रेस को कुल वोटिंग का 24.65 व बीजेपी को 23.02 फीसदी वोट मिले थे. 2014 में बीजेपी का वोट प्रतिशत 30.84 जबकि कांग्रेस का 30.54 रहा था. वहीं 2019 के चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत लगभग 15 फीसदी बढ़कर 46.01 फीसदी रहा. इसी तरह बीजेपी का वोट प्रतिशत 43.7 था.
विधानसभा क्षेत्रों में बड़ा जनाधार
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी हर चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय बनाने की कोशिश करती रही है. इस बार कोरबा सीट पर गोंगपा ने श्याम सिंह मरकाम को टिकट दिया है. जानकार बताते हैं कि कोरबा लोकसभा अंतर्गत स्थित पाली तानाखार, भरतपुर सोनहत, मरवाही और बैकुंठपुर जैसी सीटों पर गोंगपा का बड़ा जनाधार है. हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के उम्मीदवारों ने लोकसभा अंतर्गत स्थित विधानसभा सीटों पर लगभग डेढ़ लाख से अधिक मत प्राप्त किया है. वहीं पाली तानाखार में गोंगपा के विधायक भी चुने गए हैं.
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