Korba News: पिछले साल की तुलना में इस खरीफ सीजन में कोरबा (Korba) जिले में 5 लाख 74 हजार मिट्रिक टन धान (Paddy) अधिक खरीदा जाएगा. 1 नवंबर से समर्थन मूल्य पर 25 लाख 74 हजार मिट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. लिहाजा बाहरी जिलों से भी जिले के उपार्जन केंद्रों में धान खपाने की आशंका बढ़ गई है.  हालांकि इसके लिए प्रशासन ने सभी माकूल इंतजाम कर लिए हैं और बाहरी जिलों से धान जिले में न पहुंचे इसके लिए अधिकारी कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगा दी गई है.


इस वर्ष कोरबा जिले के पंजीकृत किसानों की सुविधा के मद्देनजर 5 नए उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं. इसे मिलाकर अब जिले में कुल 65 उपार्जन केंद्र हो गए हैं. जहां संबंधित क्षेत्र के पंजीकृत किसान अपना धान समर्थन मूल्य पर बेचेंगे. किसानों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े इसके लिए सभी प्रशासनिक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. जिले की 49 सहकारी समितियों के माध्यम से इस वर्ष कुल 50 हजार से अधिक पंजीकृत किसान अपना धान बेचने उपार्जन केंद्रों में पहुंचेंगे. 


पिछले साल खरीदा गया था 22 लाख मिट्रिक टन धान
समिति प्रबंधकों की मानें तो भले ही सरकार द्वारा 1 नवंबर से धान की खरीदी शुरू हो जाती है लेकिन जिले में पिछले अनुभवों के आधार पर पंजीकृत किसान 15 नवंबर के बाद ही अपना धान बेचने उपार्जन केंद्रों में पहुंचते हैं. यह सिलसिला इस वर्ष भी इसी तरह रहेगा इसकी पूरी संभावना है क्योंकि कई क्षेत्रों में अभी भी धान की फसल पकी नहीं है. पिछले साल जिले को 20 लाख मिट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य मिला था. जिसके विरुद्ध जिले में 22 लाख मिट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी हुई थी. शायद इसलिए इस वर्ष कोरबा जिले को 25 लाख मिट्रिक टन से अधिक धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है.


अब तक नहीं पहुंची प्रोत्साहन राशि 
कोरबा जिले की 49 सहकारी समितियों को पिछले वर्ष की प्रोत्साहन राशि जब तक नहीं मिली है. गौरतलब है कि लगभग सभी समितियों के द्वारा जीरो शॉर्टेज के तहत धान खरीदा गया था. प्रोत्साहन राशि के रूप में हर समिति को लाखों की राशि मिलनी थी. इसके लिए जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी के साथ साथ मार्कफेड प्रबंधक के द्वारा भी शासन से लगातार पत्राचार किया गया लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा और अब नवंबर से फिर धान की खरीदी शुरू हो जाएगी. अब आचार संहिता भी लग चुकी है. ऐसे में 2024 में ही प्रोत्साहन राशि मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. 


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