Korba News: छत्तीसगढ़ के कोरबा (Korba) जिले को ऊर्जाधानी यूं ही नहीं कहते. कोयले की ऊर्जा से घरों में रोशनी होती है लेकिन एक 36 इंच के लड़के ने तो अपनी ऊर्जा से देशभर में नाम रोशन किया है. हाल ही में इन्होंने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है. दरअसल 36 इंच के मयंक ने 6 मिनट 28 सेकेंड तक घोड़े की मुद्रा में खड़े होकर हैदराबाद के युवा के रिकार्ड को ब्रेक किया है.
छोटे कद के मयंक का टैलेंट है बहुत बड़ा
रिकॉर्ड बनाने वाले मयंक विश्वकर्मा 35 साल के है. उनका वजन केवल 7 से 10 किलो ही है और हाइट 35- 36 इंच. मयंक का कद तो छोटा है लेकिन उनका टैलेंट बहुत बड़ा है. यूं कहिए कि वे मल्टी टैलेंटेड हैं. मयंक हर काम में हाथ आजमाते है.सिंगिंग, डांसिंग, पेंटिंग मोटिवेशनल स्पीकर इन सभी पर उनकी अच्छी पकड़ है.
घोड़े की मुद्रा सबसे ज्यादा समय तक खड़े होने का रिकार्ड
मयंक विश्वकर्मा अपने रिकॉर्ड को लेकर एबीपी न्यूज को बताया कि, “मुझे समाज में अपनी अलग पहचान बनानी थी. मैं वो हर काम करना चाहता हूं जो एक सामान्य इंसान करता है. इसी लिए मैने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज किया है.इसके लिए कई महीने तक रोजाना अभ्यास किया शुरुआत में तो केवल 10 सेकेंड में ही थक जाता था. लेकिन मेहनत रंग लाई और.घोड़े की मुद्रा में सबसे ज्यादा समय तक खड़े रहने का रिकार्ड मेरे नाम पर दर्ज हुआ.”
लिटिल मोटिवेटर बने मयंक विश्वकर्मा
मयंक विश्वकर्मा बताते है कि समाज से लड़ने की नहीं खुद को काबिल बनाने की जरूरत है. हर काबिल इंसान को समाज में सम्मान मिलता है. लोगों के कहने पर अब मैं ऑनलाइन मोटिवेशन स्पीच देता हूं. इससे सुनने के लिए छत्तीसगढ़ के अलावा देश कई राज्य के युवा आते है. गौरतलब है कि इस कारण ही मयंक विश्वकर्मा को सोशल मीडिया में लिटिल मोटीवेटर के रूप में पहचान मिली है.
मयंक को शरीर का ग्रोथ रोकने वाली बीमारी है
मयंक एक दुर्लभ बीमारी हाइपोपिट्यूटेरिज्म से जूझ रहे है.इससे पिट्यूटरी ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हार्मोन का उत्पादन करने में असमर्थ है. पिट्यूटरी हार्मोन उम्र बढ़ने के साथ शरीर के ग्रोथ को रोकता है. इससे शरीर का ग्रोथ लगभग रुक जाता है. मयंक ने बताया कि जन्म के समय सामान्य बच्चो की तरह थे. लेकिन 3 महीने की उम्र में उन्हें एक बार निमोनिया हुआ. दवाई के ओवरडोज से हालत बिगड़ गई.पिता एनटीपीसी में काम करते थे तो इलाज के लिए भिलाई लेकर गए वहां डॉक्टरों ने बताया कि इनके ग्रोथ हार्मोन में समस्या है. इसके बाद दिल्ली एम्स रेफर कर दिया गया. स्वीडन से ग्रोथ हार्मोन को ठीक करने के लिए इंजेशकन भी मंगाया गया था.
भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों को जागरूक करते है मयंक
मयंक शुरुआत में बोल भी नहीं पाते थे. घर वाले स्कूल इसलिए नहीं भेजते थे क्योंकि उन्हें डर था कि स्कूल के दूसरे बच्चे उन्हें परेशान करेंगे. लेकिन स्कूल में अच्छा फ्रेंड सर्कल मिला शिक्षक भी बहुत अच्छे थे. जिससे मयंक ने बीए इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया और कंप्यूटर एप्लिकेशन में डिप्लोमा कोर्स की पढ़ाई भी पूरी की है. इसके बाद मयंक कई नौकरियां भी कर चुके है.अब मयंक नीति आयोग के एंटी करप्शन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के रायपुर विभाग में काम करते है और लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक करते है.
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