(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh: जर्जर मकानों में रहने को मजबूर पुलिसकर्मी, सरकार बदलने के बाद आवास बनाने का काम शुरू
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में पुलिसकर्मियों के लिए आवास बनाया जा रहा था लेकिन कोरोना से पहले ही ठेकेदारों ने काम छोड़ दिया था और अब बीते दिसंबर से यह काम फिर शुरू हुआ है.
Korea News: कोरिया (Korea) जिला मुख्यालय बैकुंठपुर (Baikunthpur) की पुलिस लाइन में रियासत काल में बनाए गए पुलिस क्वार्टर में अब भी पुलिसकर्मी (Policemen) किसी तरह अपने परिवार के साथ रहने को मजबूर हैं. विभागीय पहल पर पुलिस लाइन में नए डिजाइन में आवास बनाने की पहल की जिसके बाद हाउसिंग बोर्ड के द्वारा पुलिस लाइन परिसर में पुलिस कर्मियों और अधिकारियों के लिए आवास निर्माण करने का कार्य शुरू कर दिया था. इस बीच 75 आवास का निर्माण कार्य तो पूरा कर लिया गया है लेकिन आवास में बिजली और पानी सहित अन्य तरह की सुविधाएं बहाल करना अभी बाकी है.
जानकारी के अनुसार कोरोना काल से पहले निर्माण कार्य करा रहे ठेकेदार आधा अधुरा निर्माण कार्य कराने के बाद काम छोड़कर चले गए. प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद फिर से काम के लिए निविदा दी गई. जिसके बाद गत 11 दिसंबर से बंद पड़े निर्माण कार्य करने की शुरुआत हुई. पुलिस हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि 15 महीने में अधूरे निर्माण कार्य को पूरा कर लिया जाएगा. इस तरह पुलिस कर्मियों को आवास के लिए अभी एक वर्ष से अधिक समय का और इंतजार करना होगा. कोरिया जिले में लगभग 300 पुलिस कर्मी हैं लेकिन उनके रहने के लिए 100 आवास भी नहीं हैं.
180 नए आवास की मिली थी मंजूरी
पुलिस कर्मियों के आवास के लिए लगभग छः वर्ष पहले 180 नए आवास बनाने की मंजूरी मिली थी. जिसके तहत नए डिजाईन में ए, बी और सी टाईप के आवास बनाए जाने की मंजूरी मिली थी जिनमें से 73 आवास बनाए जा चुके हैं जिसमें रंग रोगन, बिजली, पानी की सुविधा नहीं है. पूर्व में बने आवास में पुलिस आरक्षकों के लिए एक ही कमरा है. वहीं प्रधान आरक्षकों के लिए दो कमरों का आवास है. जिसमें किसी तरह परिवार के साथ रहते हैं. पुराने हो चुके आवास में बरसात के समय में सबसे ज्यादा दिक्कत होती है. कई आवास में बरसात का पानी घर के अंदर पहुंच जाता है. आवास की कमी के चलते कई पुलिस कर्मी शहर के विभिन्न क्षेत्रों में किराए के मकान में परिवार के साथ रहने के मजबूर हैं.
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