Koriya News: खुद को RTI कार्यकर्ता बताकर आंगनबाड़ी वर्कर्स को दिया लालच, ठगे लाखों रुपये
Chhattisgarh: कोरिया में ठगी का मामला सामने आया है. एक शख्स ने खुद को आरटीआई कार्यकर्त्ता बताकर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता से एक लाख रुपये की ठगी कर ली. आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है.
Koriya: छत्तीसगढ़ की कोरिया पुलिस ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नियमित और वेतन भत्ता बढ़वाने के नाम पर ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. शातिर ठग ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ये कहकर झांसे में लिया कि वह उन्हें शासकीय करवा देगा और बहुत सी सुविधाएं दिलवाएगा.
ऐसा कहकर आरोपी ने एक लाख रुपये की ठगी कर ली. पैसे देने के बाद भी जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कुछ लाभ नहीं हुआ तब उन्होंने पुलिस में इस मामले को शिकायत की. जिसके बाद पुलिस ने ठगी के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. मामला मनेंद्रगढ़ थानाक्षेत्र का है.
थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट
शंकरगढ़ निवासी संतोषी राजवाडे ने मनेंद्रगढ़ थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई. रिपोर्ट में बताया कि वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर शंकरगढ़ में पदस्थ है. अभिनव पी द्विवेदी नाम का व्यक्ति आंगनबाड़ी केन्द्र में वर्ष 2020 फरवरी माह में आया और बोला कि जितने भी आगंनबाडी केन्द्र की सहायिका और कार्यकर्ता हैं उन सबसे मिलकर शासकीय/नियमित कराना है. उनका वेतन भत्ता बढ़वाना है. उसने कहा जो भी सुविधा होगी सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिलवाउंगा. ऐसा कहकर उसने एक लाख रुपये की ठगी कर ली.
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पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
प्रार्थिया संतोषी की रिपोर्ट पर थाना मनेन्द्रगढ़ में धारा 420 भादवि के तहत अपराध कायम किया गया. इस मामले से एसपी प्रफुल्ल कुमार ठाकुर को अवगत कराया गया. इस पर पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार ठाकुर के दिशा निर्देश में आरोपी की तलाश की जा रही थी.
इसी बीच मुखबीर से सूचना मिली आरोपी मनेन्द्रगढ़ में ही घुम रहा है. इस सूचना पर तत्काल पुलिस टीम बनाकर आरोपी को घेराबंदी कर पकड़ा गया और उसे थाने लाया गया. पुलिस पूछताछ में आरोपी अभिनव पी द्विवेदी ने अपना जुर्म कुबूल किया. जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया है.
खुद को बताया था आरटीआई कार्यकर्त्ता
पुलिस पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि आरोपी अभिनव पी द्विवेदी खुद को आरटीआई कार्यकर्ता और पत्रकार बताता था. संभवतः इसी के धौंस में वह आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता था. फिलहाल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अलावा किसी और से ठगी करने की बात सामने नहीं आई है.
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