Chhattisgarh Library Robbed: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरिया (Koriya) में स्थित शासकीय कॉलेज की पुरानी लाइब्रेरी से पूरी किताबें चोरी हो गई हैं. इस लाइब्रेरी में लगभग 50 हजार किताबें थीं. लेकिन अब एक भी नहीं है. चोरी हुई किताबों की कुल कीमत एक करोड़ रुपए बताई जा रही है. इस मामले की शिकायत कॉलेज प्रबंधन द्वारा पुलिस को दी गई, जिसके बाद पुलिस केस दर्ज कर जांच कर रही है. घटना चिरमिरी थाना क्षेत्र की है.


दरअसल, कोरिया जिले के चिरमिरी में करीब 60 साल पुरानी शासकीय लाहिड़ी कॉलेज है. सरगुजा संभाग के पहले और छत्तीसगढ़ के तीसरे इस हायर एजुकेशन सेंटर की शुरुआत साल 1953 में हुई. यहां की लाइब्रेरी में जाने-माने और देश-विदेश के कई लेखकों की किताबें थी. इनमें ब्रिटिश काल से लेकर अब तक की विज्ञान, राजनीतिशास्त्र, समाज शास्त्र, इतिहास और वाणिज्य की किताबें शामिल हैं. वर्ष 2014-15 में कॉलेज के लिए नया भवन बना, पर पुरानी लाइब्रेरी से किताबों को नए में शिफ्ट नहीं किया गया.


रद्दी-कबाड़ वालों पर चोरी का शक


वहीं अब पुरानी लाइब्रेरी में रखी हुई सभी किताबें चोरी हो चुकी हैं. लाइब्रेरी से किताबें कब चोरी हुईं, यह किसी को नहीं पता. कॉलेज प्रबंधन को शक है कि इतनी बड़ी संख्या में किताबें रद्दी-कबाड़ वाले ही चुरा सकते है. वहीं अनुमान है कि पूरी किताबें एक ही दिन में चोरी की गई हैं, क्योंकि लाइब्रेरी के गेट का ताला और दरवाजा दोनों को तोड़कर चोर अंदर दाखिल हुए. बताया गया कि दरवाजे में पूरी तरह दीमक लगा हुआ था. अंदर रखी अलमारियों के ताले खुले थे और जिन दरवाजों में ताले लगे थे, उनकी चाबी तालों के साथ बाहर लटक रही थी.


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17 मई को स्टॉफ ने दी जानकारी 


लाइब्रेरियन बिलाल अहमद ने बताया कि 17 मई को उनके स्टॉफ ने जानकारी दी कि पुराने लाइब्रेरी में कुछ अनहोनी हुई है. कुछ लोगों के साथ मौके पर पहुंचकर देखा गया तो लोहे के ग्रिल का ताला टूटा हुआ था. अंदर के लकड़ी के गेट पूरी तरह टूटे हुए थे. जिसके बाद प्रिंसिपल को जानकारी दी. इस पर उन्होंने पुलिस ने शिकायत करने के लिए कहा और थाने में सूचना दी गई.




पुलिस को है ये शक


चिरमिरी थाना प्रभारी केके शुक्ला ने बताया कि कॉलेज प्रबंधन की ओर से बुक चोरी की शिकायत मिली है, लेकिन बुक की संख्या के संबंध में मौखिक रूप से पहले 50 हजार, फिर 52 हजार आंकड़ा बताया गया. वहीं जब एफआईआर के लिए बुलाया गया तो आंकड़ा दिया ही नहीं गया. मामले में जब शिकायतकर्ता से बयान लिया गया उसमें भी आंकड़ा नहीं बताया गया. थाना प्रभारी ने कहा कि चोरी कब हुई है प्रबंधन को भी नहीं पता, संभवतः चोरी तीन महीने पहले की है इसलिए मामला संदेहास्पद लग रहा है.


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